सरकारी स्कूल का हर बच्चा हो रहा 'स्मार्ट'
हेम कुमार शर्मा, इटावा यह सिर्फ खबर नहीं है.. यह पैगाम है उनके लिए, जिनके पास मौका ह...
हेम कुमार शर्मा, इटावा
यह सिर्फ खबर नहीं है.. यह पैगाम है उनके लिए, जिनके पास मौका है और इच्छाशक्ति से वह बदहाल सरकारी स्कूल का स्वरूप बदल सकते हैं। बस एक बेहतर सोच और ठोस योजना पर जुनून के साथ काम करने से बच्चे आत्मविश्वास के पंख से चुनौतियों के आसमान में उड़ान भर सकते हैं। जी हां.. हम बात कर रहे हैं बसरेहर विकास खंड के ग्राम पंचायत अमृतपुर-कृपालपुर की। यहां के युवा प्रधान वेदपाल ने गांव के बच्चों को स्मार्ट बनाने का संकल्प लिया और निकल पड़े मोर्चे पर। इच्छाशक्ति थी और जुनून भी। परिणाम यह रहा कि अब गांव के प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूल का कायाकल्प हो गया। कक्षा एक से पांच तक की शिक्षा अब स्मार्ट क्लासेज (इंग्लिश मीडियम) के माध्यम से दी जा रही है।
बीएससी गणित से पढ़ने वाले वेदपाल को ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान का दायित्व सौंपा तो उम्मीदों पर खरा उतरने की सोच ने उन्हें चैन से सोने नहीं दिया। उन्होंने बदलाव का आवरण सरकारी स्कूल पर चढ़ाया तो बच्चों की किस्मत चमक उठी। एक ही परिसर में स्थित प्राइमरी व जूनियर हाईस्कूल के साथ आंगनबाड़ी केंद्र का भी कायाकल्प करा दिया। सुंदर चित्रकारी, आदर्श स्लोगन, मजबूत फर्नीचर और खेल मैदान सही होने पर सरकारी स्कूल कान्वेंट जैसा दिखने लगा।
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आसपास के बच्चे भी आने लगे इस
प्राइमरी स्कूल में बच्चों की संख्या 50 की जगह 240 हो गई। इनमें दुगावली व नगला बाबा समेत आसपास के गांवों के बच्चे शामिल हैं। वहीं, जूनियर हाईस्कूल में 50 से बढ़कर छात्रों की संख्या 150 हो गई है। स्कूल में हर माह के दो शनिवार अभिभावकों और शिक्षकों की बैठक में सुझाव लिए जाते हैं।
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प्रदेश का मॉडल स्कूल बनाने का लक्ष्य
प्रधान वेदपाल के पिता गोपाल ¨सह ने प्रधान रहते हुए अपने कार्यकाल में काफी विकास कराया। अब वेदपाल ने प्रधान बनने पर गांव के स्कूल को प्रदेश का मॉडल स्कूल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। जिलाधिकारी सेल्वा कुमारी जे. ने भी स्मार्ट क्लासेज के लिए तीन शिक्षकों को तैनात किया। ग्राम पंचायत मद में मिलने वाले धन का भी उपयोग स्कूल के विकास में किया जा रहा है।