बागपत : प्राइमरी स्कूल की हालत जर्जर, बच्चें बरसात में टपकती छत के नीचे पढ़ने को मजबूर
एक तरफ योगी सरकार प्राईमरी स्कूलों को मॉर्डन स्कूल की तर्ज पर विकसित करने का दावा कर रही है लेकिन दूसरी ओर हक़ीक़त देखकर हैरान रह जाएंगे। बागपत का एक स्कूल सरकार के सभी दावों की पोल खोल रहा है। इस स्कूल में बच्चे बारिश की वजह से टपकती छत के नीचे पढ़ने को मजबूर है, लेकिन पढ़ाई का जज्बा ऐसा कि बच्चे बारिश के पानी से बचने के लिए छाता लगाकर पढाई कर रहे हैं।
ये तस्वीर जहां एक तरफ पढ़ाई के प्रति बच्चों की ललक को दिखा रहा है वहीं हमारे सिस्टम को भी मुंह चिढ़ा रहा है। ऐसा नहीं की इस समस्या की प्रशासन से शिकायत नहीं की गई, बल्कि अध्यापकों ने बारिश शुरू होने से पहले ही इसकी शिकायत की थी, लेकिन किसी भी प्रशासनिक अधिकारी ने उनकी शिकायत को बहुत गंभीरता नहीं लिया लेकिन जब हमनें उस ओर डीएम से बात की तो डीएम ने मामले में कार्रवाई के आदेश जारी किए है।
आपको बता दें कि ये बिल्डिंग बहुत पुरानी है, जर्जर हैऔर छत भी पहली ही बारिश में टपकने लगी, लेकिन जिन पर स्कूलों की सूरत बदलने का जिम्मा है उनका रवैया बेहद सुस्त हैजिसका खामियाजा मासूम बच्चों को चुकाना पड़ रहा है।
तमाम सियासी पार्टियां चुनावों के समय इलाकों में जाकर लोगों से लुभावने वादे करती है लेकिन चुनाव बाद नेता वहां झांकने तक नहीं जाते। ये कहना गलत नहीं होगा कि हमारे सिस्टम में जंग लग गया है। जरुरत है ऐसे जर्जर सिस्टम को दुरुस्त करने की ताकि बच्चों का सुनहरा भविष्य बर्बाद न हो।