विजिलेंस ने 10 हजार की रिश्वत लेते शिक्षक दबोचा
मांट: आगरा की विजिलेंस टीम ने गांव नगला नत्था में तैनात प्राइमरी शिक्षक को बीटीसी प्रशिक्षु छात्र से टीचर ट्रेंनिग के नाम पर पचास हजार की रिश्वत के नाम पर दस हजार रुपये लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया। टीम ने आरोपित शिक्षक के खिलाफ थाना मांट में मुकदमा दर्ज कराया है।...
संवाद सू्त्र, मांट : आगरा की विजिलेंस टीम ने नगला नत्था, मांट के प्राइमरी विद्यालय में तैनात प्रधानाध्यापक को दस हजार रुपये की रिश्वत लेते पकड़ा है। उसपर आरोप है कि बीटीसी प्रशिक्षु को ट्रे¨नग में आने से छूट देने के लिए पचास हजार रुपये की मांग की थी। दस हजार रुपये प्रशिक्षु पहले ही दे चुका था। शनिवार को भी दस हजार रुपये दिए थे। विजिलेंस टीम ने आरोपित शिक्षक के खिलाफ थाना मांट में मामला दर्ज कराया है।
बीटीसी छात्र सुनील कुमार पुत्र हरिशंकर निवासी नगला नत्था की ट्रे¨नग इसी गांव के विद्यालय में चल रही थी। छात्र ने विद्यालय के प्रधानाध्यापक नवीन अग्रवाल निवासी ज्योति नगर मथुरा से ट्रे¨नग में आने में असमर्थता जताई। प्रधानाध्यापक ने छूट देने के लिए पचास हजार रुपये की मांग की थी। इसकी शिकायत छात्र ने विजिलेंस से भी की थी। दस हजार रुपये छात्र प्रधानाध्यापक को चार दिन पहले दे चुका था। दस हजार रुपये शनिवार को देने की बात हुई थी। शनिवार को विजिलेंस टीम ने दस हजार रुपये की रिश्वत देते हुए प्रधानाध्यापक को पकड़ लिया। शिकायतकर्ता सुनील कुमार ने बताया कि टीचर ट्रेंनिग में न आने और पूरे 100 नंबर देने के नाम पर प्रधानाध्यापक ने 50 हजार रुपये की मांग की थी। विजिलेंस टीम के सीओ कृष्ण मुरारी ने बताया कि अध्यापक को रिश्वत लेते रंगे हाथ दबोचा है। पकड़े गए शिक्षक के खिलाफ थाना मांट में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
------------- शिक्षा विभाग में पहले भी पकड़े जा चुके हैं रिश्वत लेते
मथुरा : शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार चरम पर है। पहले भी बीएसए और डीआइओएस कार्यालय में कर्मचारियों को विजिलेंस रिश्वत लेते पकड़ चुकी है। हर कांड के बाद विभाग में अफरा-तफरी मचती है और मामला ठंडा होने पर फिर उसी ढर्रे को अपना लिया जाता है।
2015 में तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक केएल वर्मा को विजिलेंस ने रिश्वत लेते पकड़ा था। 2016 में जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय में तैनात बड़े बाबू अशोक शर्मा को विजिलेंस टीम ने रिश्वत लेते पकड़ा था। 2016 में ही बीएसए कार्यालय के बाबू कुंज बिहारी विजिलेंस के हत्थे चढ़े थे।