लखनऊ : 11 व 12 अक्तूबर को कार्य बहिष्कार करेंगे राज्यकर्मी-शिक्षक
-मांगों के पूरा नहीं होने पर 29 व 30 नवम्बर को प्रदेश भर में करेंगे कामबन्दी
-तीन दिसम्बर को नई दिल्ली में संसद मार्ग की राष्ट्रीय रैली में भाग लेंगे प्रदेश के राज्यकर्मी
लखनऊ । राज्य कर्मचारी और शिक्षक 11 व 12 अक्तूबर को सरकार की वादाखिलाफी से नाराज होकर कार्य बहिष्कार करेंगे। इसके बाद भी उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो 29 व 30 नवम्बर को कामकाज से विरत रहेंगे। इस तरह के आंदोलन की घोषणा बुधवार को कर्मचारी शिक्षक संयुक्त मोर्चा के पदाधिकारियों ने की।
नगर निगम मुख्यालय में मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष वीपी मिश्र और संयोजक सतीश कुमार पाण्डेय ने बताया कि आंदोलन के अगले क्रम में तीन दिसम्बर को नई दिल्ली में संसद मार्ग पर होने वाली राष्ट्रीय रैली में भी राज्यकर्मी और शिक्षक भाग लेने पहुंचेंगे। बैठक मे स्थानीय निकाय कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्र, चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष रामराज दुबे, राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष सुरेश कुमार रावत और महामंत्री अतुल मिश्रा ने कहा कि पूर्व में मांगों को लेकर आंदोलन करने के बाद भी सरकार सुधि नहीं ले रही है। जिसकारण आंदोलन करने का निर्णय लिया गया है।
कई कर्मचारी संगठन बैठक में हुए शामिल
निगम कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष मनोज कुमार मिश्र, वन विभाग फेडरेशन के आशीष पाण्डेय, जवाहर भवन इंदिरा भवन कर्मचारी महासंघ के महामंत्री सुशील कुमार बच्चा समेत कई सरकारी विभागों की ऐसोसिएशन के पदाधिकारी इस मौके पर उपस्थित रहे। इन नेताओं ने बताया कि मोर्चा की मांगो पर मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से कई बार अनुरोध किया गया कि बैठक करके मांगों पर सार्थक निर्णय करके शासनादेश जारी किया जाय परन्तु कोई ध्यान नहीं दिया गया।
प्रमुख मांगें
-नई पेंशन नीति समाप्त करके पुरानी पेंशन व्यवस्था लागू की जाये
-सातवें वेतन आयोग का पूरा लाभ राज्य, निकाय, सार्वजनिक निगमों, परिवहन निगम के कर्मियों को दिया जाये
-लिपिक संवर्ग के प्रधान सहायक का पदनाम सहायक प्रशासनिक अधिकारी किया जाये
-उपार्जित अवकाश 300 दिन संचित करने की बाध्यता को समाप्त किया जाये
-विनियमित कर्मचारी जिन्हें पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा है दिलाया जाये
-विकास प्राधिकरण के कर्मियों को राज्य कर्मियों की तरह 10 वर्ष की सेवा पर पेंशन की सुविधा दी जाये
-केन्द्र सरकार की तरह कर्मचारियों, शिक्षकों को भत्ते दिये जायें