आजमगढ़ : साक्षरता मिशन के 'महारथी' 2713 प्रेरकों का 13 करोड़ बकाया
विकास ओझा, आजमगढ़ साक्षरता मिशन को मंजिल दिलाने में महती भूमिका निभाने वाले 2713 प्रेरका...
विकास ओझा, आजमगढ़ । साक्षरता मिशन को मंजिल दिलाने में महती भूमिका निभाने वाले 2713 प्रेरकों का 25 माह का मानदेय अभी तक नहीं मिला। यह तो आजमगढ़ की स्थिति है। प्रदेश में इनकी संख्या हजारों में है। मिशन 31 मार्च, 2018 से ही बंद है। शिक्षा प्रेरकों का भविष्य जहां अधर में है वहीं बकाया राशि नहीं मिलने से इनके बच्चों की पढ़ाई से लगायत रोटी तक के लाले पड़े हैं। इस मामले में शासन-प्रशासन पूरी तरह से मौन धारण किए हुए हैं। इसे लेकर शिक्षा प्रेरकों ने पीएम व सीएम तक भी गुहार लगाई पर बात नहीं बनी। इतना ही नहीं लखनऊ में विरोध के दौरान लाठियां भी खाई पर मरहम के रूप में मानदेय का भुगतान नहीं हुआ।
अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस यानी आठ सितंबर को यह एक बार फिर सड़क पर उतरने को ठान लिए हैं। प्रेरकों का कहना है कि साक्षरता मिशन के तहत 15 वर्ष व इससे अधिक उम्र वाले निरक्षरों को साक्षर करने की जिम्मेदारी दी गई थी। लोक शिक्षा केंद्रों पर प्रेरकों की तैनाती कर लोगों का साक्षर करने का कार्य सौंपा गया था। प्रेरकों ने ईमानदारी से इस कार्य को पूर्ण करने में पूरा वक्त लगा दिया। गांव-गांव जाकर लोगों को जागरूक करने के साथ ही उन्हें साक्षर करने के सभी उपाय किए गए। परीक्षा आयोजित हुई। 15 वर्ष से लगायत 85 वर्ष तक के लोग इस परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा पास करने वालों का साक्षर होने का प्रमाण पत्र भी दिया गया। इस कार्य को पूरा करने में सभी प्रेरकों ने अहम भूमिका निभाई। मानदेय के रूप में प्रतिमाह दो हजार रुपये निर्धारित था। बहुत समय तक मिला भी लेकिन पिछले 25 माह का बकाया भुगतान नहीं हुआ। एक-एक प्रेरक का 50 हजार रुपये बकाया है। इस तरह कुल 2713 प्रेरकों का 13 करोड़ 56 लाख 50 हजार रुपये बकाया है। यह राशि कब दी जाएगी कोई जिम्मेदार अफसरान बोलने को तैयार नहीं है। सिर्फ आश्वासन का लालीपाप
योजना यानी मिशन 31 मार्च, 2018 से संचालित नहीं हो रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि योजना नए सिरे से लांच की जानी है। इसकी तैयारी चल रही है। बकाया पैसा भी मिलेगा। यह आश्वासन मार्च, 2018 से ही दिया जा रहा है ¨कतु कोई नतीजा नहीं निकला। आठ सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस है। आदर्श लोक शिक्षा प्रेरक वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले सबकी जुटान अंबेडकर पार्क में होगी। जिलाध्यक्ष रामाश्रय यादव समेत अन्य पदाधिकारियों की मौजूदगी में मानव संसाधन मंत्रालय समेत अन्य नेताओं का प्रतीकात्मक पुतला फूंका जाएगा। साथ ही पीएम को संबोधित एक ज्ञापन पुन: डीएम को सौंपा जाएगा। न्याय नहीं मिला तो व्यापक आंदोलन होगा।
-अखिलेश कुमार, जिला महामंत्री इनसेट
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अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस आज
-यूनेस्को ने 17 नवंबर, 1965 में आठ सितंबर को अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाने की घोषणा की थी।
-1966 से अनवरत अंतराष्ट्रीय साक्षरता दिवस आठ सितंबर को मनाया जा रहा है। सभी की भागीदारी। अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस का उद्देश्य
मानव व समाज के विकास संग अधिकारों को जानने के लिए अंतरराष्ट्रीय साक्षरता दिवस मनाया जाता है। भारत ही नहीं देश-दुनिया में गरीबी को मिटाना, बाल मृत्यु दर को कम करना, जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करना, लैंगिक समानता को प्राप्त करना आदि को जड़ से उखाड़ना बहुत जरूरी है। ये क्षमता सिर्फ साक्षरता में है जो परिवार और देश की प्रतिष्ठा को बढ़ा सकता है। परिवार, समाज तथा देश के वास्ते अपनी जिम्मेदारी को समझने के उद्देश्य से साक्षरता दिवस मनाया जाता है।