इलाहाबाद : सीधी भर्ती के बदले नियम में साक्षात्कार के अंक फंसाएंगे पेच, मेरिट में स्क्रीनिंग व साक्षात्कार के 50-50 फीसद अंक कर रहे भ्रमित, शैक्षिक अर्हता अध्यक्ष व सदस्यों के मनमाने नियम से तय होने की आशंका
इलाहाबाद : सीधी भर्ती के नियम में बदलाव का उप्र लोकसेवा आयोग यानि का निर्णय व्यवस्था में पारदर्शिता के लिए है। इससे अभ्यर्थियों की शिकायतों को दूर करने का प्रयास होगा, जबकि इसमें स्क्रीनिंग परीक्षा तथा साक्षात्कार में मिलने वाले अंकों को जोड़कर मेरिट बनाने की नीति किसी के गले नहीं उतर रही है।
स्क्रीनिंग परीक्षा के बाद पद के सापेक्ष कितने गुना अभ्यर्थियों को साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा, साक्षात्कार कितने अंकों का निर्धारित होगा। परीक्षा के दोनों भागों के 50-50 फीसद अंक किस आधार पर तय होंगे, इसको लेकर की नीति अभी स्पष्ट नहीं है। की ओर से पीसीएस की लिखित परीक्षा 1500 अंकों की और साक्षात्कार 100 अंक का निर्धारित किया गया है, जबकि सीधी भर्ती की प्रक्रिया में ने फिलहाल स्क्रीनिंग परीक्षा और साक्षात्कार के अंकों का खुलासा नहीं किया है। दोनों भागों में 50-50 फीसद अंक के आधार पर मेरिट तय करने का प्रस्ताव बनाकर शासन के पास भेजा गया है। की मानें तो इससे पहले भी सीधी भर्ती में स्क्रीनिंग परीक्षा होती रही है लेकिन, उसके अंक साक्षात्कार में नहीं जुड़ते थे। अब स्क्रीनिंग परीक्षा में भी मिले अंकों को जोड़ा जाएगा। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि क्या स्क्रीनिंग परीक्षा और साक्षात्कार बराबर अंकों के होंगे।
ने पिछले दिनों प्रवक्ता राजकीय इंटर कालेज की स्क्रीनिंग परीक्षा का कार्यक्रम जारी किया है। परीक्षा 23 सितंबर को होगी। इसमें स्क्रीनिंग परीक्षा 150 अंकों की होने की जानकारी दी गई है जिसमें सामान्य अध्ययन के 30 और संबंधित विषय के 120 प्रश्न होंगे। सभी के अंक समान होंगे, जबकि साक्षात्कार के अंक घोषित नहीं किए गए हैं। पूर्व की व्यवस्था के अनुसार सीधी भर्ती प्रक्रिया में स्क्रीनिंग परीक्षा होने या न होने की दशा में शैक्षिक अर्हता अहम थी जिसे के अध्यक्ष और सदस्य ही तय करते थे। जबकि 23 सितंबर को होने जा रही स्क्रीनिंग परीक्षा के कार्यक्रम के साथ साक्षात्कार के अंकों का खुलासा न किए जाने से अभ्यर्थियों में भ्रम की स्थिति है। फिलहाल निर्णय पर शासन की मुहर लगने या प्रस्ताव में ही किसी बदलाव के निर्देश के बाद तस्वीर साफ हो सकेगी।