महराजगंज : गरीब बच्चों के प्रोत्साहन का माध्यम बनेगा विद्याज्ञान, कक्षा पांच में अध्ययनरत छात्र-छात्रएं करेंगे प्रतिभाग
जागरण संवाददाता, महराजगंज: शासन ने ग्रामीण क्षेत्र के निर्धन व मेधावी बच्चों को बढ़ावा देने की दिशा में पहल की है। नौ दिसंबर को आयोजित होने वाले विद्याज्ञान परीक्षा के माध्यम से चयनित बच्चों को कक्षा छह से इंटर तक की आवासीय शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। सीबीएसइ पाठ्यक्रम से दिए जाने वाले आवासीय शिक्षा से उनके शिक्षा के स्तर में सुधार आएगा।
ग्रामीण क्षेत्र में धन के अभाव में गरीब परिवार के लोग अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा नहीं दिला पाते। ऐसे परिवार के मेधावी बच्चों को बढ़ावा देने के प्रदेश सरकार द्वारा विद्याज्ञान परीक्षा का आयोजन किया जाता है। कक्षा पांच में अध्ययनरत राजकीय प्राथमिक, सहायता प्राप्त तथा मान्यता प्राप्त निजी विद्यालय के पात्र आवेदकों को शैक्षिक, आय तथा स्थायी निवास के अभिलेखों के आधार पर प्रारंभिक लिखित परीक्षा में बुलाया जाएगा। प्रारंभिक लिखित परीक्षा के परिणाम के आधार पर चयनित श्रेष्ठ बालक व बालिकाओं को अगले स्तर की लिखित परीक्षा में प्रतिभाग करना होगा। विद्याज्ञान स्कूल में प्रवेश के लिए 40 प्रतिशत बालिकाओं की सीट आरक्षित है। विद्याज्ञान परीक्षा के लिए प्रतिभागी छात्रओं की उम्र 31 मार्च 2019 को 10 वर्ष से 12 वर्ष तथा बालकों की 10 से 11 वर्ष होनी चाहिए। प्रधानाध्यापकों द्वारा आवेदन पत्र का सत्यापन कर प्रतिहस्ताक्षरित कर अधिकतम नौ अक्टूबर तक खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जमा करना होगा।
लक्ष्मीपुर ब्लाक में जाएगा सर्वाधिक आवेदन फार्म: विद्याज्ञान की परीक्षा के लिए 2640 आवेदन फार्म प्राप्त हुआ है। लक्ष्मीपुर ब्लाक में सर्वाधिक 260, निचलौल व बृजमनगंज ब्लाक में 250-250, नौतनवा व पनियरा ब्लाक में 240-240, मिठौरा व परतावल ब्लाक में 230-230, घुघली ब्लाक में 220, सदर, फरेंदा व सिसवा ब्लाक में 200-200 तथा धानी ब्लाक में 120 आवेदन फार्म भेजा जाएगा।
’कक्षा पांच में अध्ययनरत छात्र-छात्रएं करेंगे प्रतिभाग
’नौ अक्टूबर है आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि
गरीब व मेधावी बच्चों के लिए सुनहरा अवसर: डीसी
जिला समन्वयक सामुदायिक सहभागिता केडी मिश्र ने कहा कि विद्याज्ञान परीक्षा गरीब व मेधावी बच्चों को अपनी शिक्षा को जारी रखने के लिए सुनहरा अवसर प्रदान करता है। परीक्षा से संबंधित आवेदन पत्र प्राप्त हो गए हैं जिन्हें बीआरसी पर भेजा जा रहा है।