MANTRI, SHIKSHAK BHARTI : हाईकोर्ट इजाजत दे तो कम करेंगे सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा की कटऑफ - अनुपमा जायसवाल
लखनऊ । बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री अनुपमा जायसवाल ने कहा कि उच्च न्यायालय ने इजाजत दी तो सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में कटऑफ कम की जाएगी। 68500 सहायक अध्यापकों की भर्ती में चयनित 41556 अभ्यर्थियों को 5 सितंबर तक नियुक्ति दी जाएगी। सरकार जल्द ही शिक्षकों की नई भर्ती भी करने जा रही है।
विधान परिषद में शिक्षक दल के सुरेश कुमार त्रिपाठी के सवाल के जवाब में राज्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक भर्ती में ज्यादा अवसर देने को सामान्य व ओबीसी के लिए कटऑफ 33 प्रतिशत और एससी-एसटी के लिए 30 प्रतिशत की थी।
अभ्यर्थी इसके खिलाफ हाईकोर्ट में चले गए। हाईकोर्ट ने पुन: कटऑफ सामान्य व ओबीसी के लिए 45 प्रतिशत और एससी-एसटी के लिए 40 प्रतिशत निर्धारित करने का आदेश दिया। सरकार हाईकोर्ट से कटऑफ पुन: कम कराने का प्रयास कर रही है, यदि हाईकोर्ट ने इजाजत दी तो कटऑफ कम कर भर्ती से वंचित रहे अभ्यर्थियों को मौका दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि भवन विहीन प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के लिए धन उपलब्ध होने के बाद ही भवन बनाए जाएंगे। 14वें वित्त आयोग में मिली राशि से कुछ भवन बनाए जा रहे हैं।
सपा के सदस्य शशांक यादव ने लखीमपुर खीरी में शिक्षकों के 44 प्रतिशत से अधिक पद रिक्त होने के बाद भी झूठे प्रमाण पत्रों से तबादला कराने का मुद्दा उठाया। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने जांच कराकर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
सभी विश्वविद्यालयों में लागू करेंगे सेमेस्टर प्रणाली
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा
उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि शिक्षण की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय के बाद सभी विश्वविद्यालयों में सेमेस्टर प्रणाली लागू की जाएगी।
शुक्रवार को विधान परिषद में शिक्षक दल के ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने लखनऊ विवि में सेमेस्टर प्रणाली लागू होने के बाद 40 और इससे अधिक अंक प्राप्त करने पर भी विद्यार्थी को अनुत्तीर्ण करने का मुद्दा उठाया।
नेता सदन डॉ. दिनेश शर्मा ने जवाब देते हुए कहा कि सेमेस्टर परीक्षा के मूल्यांकन में सीबीसीएस प्रणाली लागू की गई, इसलिए न्यूनतम उत्तीर्ण अंक 70 में 24 के स्थान पर 28 किया गया है।
लिखित परीक्षा में यदि 70 में 28 से कम अंक हैं तथा लिखित व प्रैक्टिकल के अंक जोड़कर भले ही 48 अंक हो तो नियमानुसार विद्यार्थी अनुत्तीर्ण ही माना जाएगा। सरकार ने नई व्यवस्था से सभी विभागाध्यक्षों और परीक्षकों को अवगत कराया है।