लखनऊ : विवि और डिग्री कालेजों के शिक्षकों को सातवें वेतन आयोग का तोहफा
विशेष संवाददाता,राज्य मुख्यालय । प्रदेश सरकार ने शिक्षक दिवस की पूर्व संध्या पर राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों व समकक्ष सवंर्गों के कर्मचारियों को सातवें वेतन का तोहफा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला किया गया। इससे प्रदेश के खजाने पर करीब 922 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा।
इसका इंतजाम अनुपूरक बजट में कर लिया गया है। सातवें वेतन आयोग के अनुसार केवल वेतन दिया जाएगा। भत्तों का लाभ नहीं दिया जाएगा।
खास बात यह है कि माध्यमिक और बेसिक विद्यालयों के शिक्षकों को यह लाभ सरकार पहले ही दे चुकी है लेकिन यूजीसी के आधार पर वेतनमान पाने वाले शिक्षकों का आदेश केंद्र सरकार द्वारा देरी से जारी किए जाने के कारण यूपी सरकार ने भी अब जाकर इस बारे में फैसला किया है। इस फैसले से करीब 11 हजार शिक्षकों को लाभ मिलेगा। केंद्रीय विश्वविद्यालयों में यह लाभ पहले ही दिया जा चुका है।
राज्य सरकार के प्रवक्ता व कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा और सिद्धार्थनाथ सिंह ने फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों के शिक्षकों को सातवें वेतन का लाभ पहली जनवरी 2016 से दिया जाएगा। 922 करोड़ के खर्च में राज्य सरकार और केंद्र सरकार का हिस्सा 50-50 फीसदी शामिल है। केंद्र सरकार अपने 50 फीसदी हिस्से की भरपाई 31 मार्च 2019 तक की जाएगी। भरे हुए नियमित पदों के आधार पर ही केंद्र सातवें वेतन के आधे हिस्से की भरपाई करेगी।
प्रवक्ता ने बताया कि यूजीसी नियमों के अनुसार ही राज्य के विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षकों को सातवां वेतनमान, पे मैट्रिक्स, प्रोन्नति आदि के आधार पर दिया जाएगा।
इसका लाभ केवल राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों, राजकीय व सहायता प्राप्त महाविद्यालयों (डिग्री कालेजों और पीजी कालेजों) को ही दिया जाएगा। निजी विश्वविद्यालयों और स्ववित्त पोषित डिग्री व पीजी कालेजों के शिक्षकों को यह लाभ सरकार नहीं देगी। हां, निजी विश्वविद्यालय और निजी कालेज अपने स्तर पर इसका लाभ दे सकते हैं लेकिन इसका खर्च उनको स्वयं ही वहन करना होगा।