मरम्मत ना सफाई खतरे में बच्चों की पढ़ाई
सिद्धार्थनगर : परिषदीय शिक्षा में बदइंतजामी खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। नया सत्र शुरू है फिर भी खेसरहा विकासखंड के एक दर्जन विद्यालय जर्जर हैं, जिससे बरसात के मौसम में बैठ कर पढ़ना नौनिहालों के लिए जानलेवा हो सकता है। विद्यालयों के आसपास गंदगी का बोलबाला है, स्वच्छ जल की भी व्यवस्था नहीं की जा सकी है। जिससे बच्चों के बीमार होने का भी खतरा बना रहता है। कुछ विद्यालय तो ऐसे भी हैं जो तालाब से सटे निर्मित हैं पर बाउंड्रीवाल तक नहीं लगा है। और जिम्मेदार सिर्फ हिलाहवाली के हथियार से युद्ध जीत रहे हैं।
क्षेत्र के पूरनजोत, कुर्थिया,जामडीह,बूढी घोसियारी,पाला, भूपत जोत, बुढ़ा, आदि विद्यालय के भवन क्षतिग्रस्त होकर प्रयोग के लायक नहीं बचे हैं। दीवारों में बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। खिड़कियां दरवाजे उखड़ कर विलुप्त हो चुके हैं। छत फट चुके हैं। लेकिन विभाग इस पर ध्यान नहीं दे रहा है। लोगों का कहना है कि बिना मरम्मत के इन विद्यालयों में बच्चों को बैठाया गया तो अनहोनी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। इसी प्रकार पूर्व माध्यमिक विद्यालय व प्राथमिक खोरिया के अगल-बगल गंदगी का साम्राज्य स्थापित है। इनमें से अधिकांश विद्यालयों के हैंडपंप दूषित जल उगल रहे हैं। साफ सफाई व नल ठीक कराने की अभी तक कोई व्यवस्था नहीं हुई। इससे बच्चों के बीमार होने की भी आशंका बनी रहती है। पूर्व माध्यमिक विद्यालय पूरन जोत तालाब के किनारे निर्मित है। विजय आनंद, खंड शिक्षा अधिकारी, खेसरहा ने कहा कि यहां पर अभी तक बाउंड्री नहीं बनाई गई। जो बच्चों के लिए कभी भी यह मुसीबत का सबब बन सकता है। इतना ही नहीं इस विद्यालय पर जाने के लिए कोई रास्ता भी अभी तक नहीं बनवाया गया है। हेतु धन उपलब्ध नहीं है। धन की मांग की गई है, मिलते ही मरम्मत का कार्य कराया जाएगा। जहां तक छिटपुट समस्याओं का सवाल है, उसे हम ठीक करने का प्रयास कर रहे हैं।