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लखनऊ : अब प्रदेश में हिंदी मीडियम में भी होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई, एआइसीटीई के मेंबर सेक्रेटरी ने साझा की जानकारी, शिक्षा सुधार के लिए शिक्षकों को टीचिंग मेथेडॉलाजी का करना होगा कोर्स

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लखनऊ : अब प्रदेश में हिंदी मीडियम में भी होगी इंजीनियरिंग की पढ़ाई, एआइसीटीई के मेंबर सेक्रेटरी ने साझा की जानकारी, शिक्षा सुधार के लिए शिक्षकों को टीचिंग मेथेडॉलाजी का करना होगा कोर्स

लखनऊ : भोपाल के अटल बिहारी हंिदूी विश्वविद्यालय की तर्ज पर इंजीनियरिंग पाठयक्रम को हंिदूी में भी शुरू किया जाएगा। ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजूकेशन (एआइसीटीई) ने इसे लेकर तैयारी शुरू कर दी है। मातृभाषा में पढ़ाई कर किसी भी पाठ्यक्रम में छात्र दक्षता हासिल कर सकते हैं। इसी मकसद से एआइसीटीई ने इस ओर कदम बढ़ाया है। शुरुआत हिंदी भाषी राज्यों से की जाएगी।

शनिवार को गोमती नगर एक शैक्षिक संस्थान के वार्षिकोत्सव में पत्रकारों से बात करते हुए एआइसीटीई के मेंबर सेक्रेटरी आलोक प्रकाश मित्तल ने कहा कि एआइसीटीई का जोर गुणवत्तापरक शिक्षा पर है। 1उन्होंने तकनीक शिक्षकों में एजूकेशन मैकेनिज्म के अभाव को स्वीकार किया। इस कमी को दूर करने के लिए शिक्षकों को टीचिंग मेथेडॉलाजी का कोर्स कराया जाएगा।

क्लासरूम टीचिंग कम, प्रोजेक्ट बेस टीचिंग पर जोर : आलोक प्रकाश ने कहा कि मौजूदा समय में इंटरनेट पर सभी जानकारी उपलब्ध है, जिसे आसानी से एक्सेस किया जा सकता है। अब छात्रों को सेल्फ स्टडी पर अधिक समय देना जरूरी है। 1इंजीनियरिंग में 50 प्रतिशत सीटें खाली: उन्होंने कहा कि गुणवत्तापरक शिक्षा का अभाव होने के कारण ही देश भर में 50 प्रतिशत से अधिक सीटें खाली हैं। उन्होंने बताया कि इंजीनियरिंग संस्थानों में करीब 37 लाख रिक्त सीटों के सापेक्ष महज 18 लाख सीटों पर ही दाखिले होंगे।

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