इलाहाबाद : आठवीं तक की परिषदीय किताबों से होगा अगला टीईटी
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबाद । कक्षा एक से आठ तक के परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर नियुक्ति के लिए अनिवार्य शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) आठवीं तक की सरकारी किताबों से होगी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय से अक्तूबर में प्रस्तावित परीक्षा का जो प्रस्ताव भेजा गया है उसके अनुसार टीईटी की पाठ्यवस्तु राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) से मान्य कक्षा एक से आठ तक की किताबों से होगी।
हालांकि प्रश्नों की कठिनाई का स्तर 12वीं तक का होगा। टीईटी के परिणाम में किसी प्रकार के विवाद से बचने के लिए यह रास्ता निकाला गया है। हर बार टीईटी का परिणाम घोषित होने के बाद अभ्यर्थी एक ही प्रश्न के अलग-अलग किताबों में दिए भिन्न उत्तर को लेकर आपत्ति कर देते हैं। 15 दिसंबर 2017 को घोषित टीईटी रिजल्ट में गलत प्रश्न पूछे जाने को लेकर कई अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट में याचिकाएं कर दी थी। विवाद होने के चलते परिणाम घोषित करने में भी देरी होती है।
इस बार सरकार ने दिसंबर से पहले ही टीईटी और अगली 68500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा कराने को कहा है। इसलिए अफसर किसी प्रकार का विवाद नहीं होने देना चाहते। यही कारण है कि परिषदीय किताबों की पाठ्यवस्तु को आधार बनाया जा रहा है ताकि हाईकोर्ट में पैरवी करने में आसानी रहे।
शिक्षक भर्ती परीक्षा में भी अधिकृत किताबों पर ली थी आपत्ति
इलाहाबाद। 27 मई को आयोजित 68500 सहायक अध्यापक भर्ती परीक्षा में भी अधिकृत किताबों पर ही आपत्तियां ली गई थीं। सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी डॉ. सुत्ता सिंह ने एनसीईआरटी या यूपी बोर्ड की 12वीं तक की अधिकृत किताबों व कक्षा एक से आठ तक बेसिक शिक्षा परिषद की किताबों के ही साक्ष्य को मान्य किया था। इनके अलावा किसी और किताब के साक्ष्य पर विचार नहीं किया गया। अभ्यर्थियों को साक्ष्य के रूप में उपलब्ध कराए जाने वाली पुस्तक का कवर पृष्ठ, द्वितीय पृष्ठ (लेखक आदि का विवरण), विषय सूची (इंडेक्स पेज) एवं जिस पेज पर उत्तर अंकित है, की स्पष्ट पठनीय प्रति संलग्न करनी थी।