महराजगंज : प्रशिक्षु शिक्षिका के भरोसे चल रहा प्रावि. घीवपीड़
जागरण संवाददाता, धानी, महराजगंज: सर्व शिक्षा अभियान को सफल बनाने के लिए जहां सरकार एड़ी से चोटी का जोर लगा रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षक इस अभियान का पलीता लगाने में कोई-कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण धानी क्षेत्र में चल रहे प्राथमिक स्कूल बया कर रहे है। 1धानी विकास खंड के ग्राम सभा घीवपीड स्थित प्राथमिक विद्यालय में चार शिक्षकों की तैनाती के बावजूद यहां के बच्चें शिक्षा के लिए तरस रहे हैं। इन बच्चों को नियमित और बढ़िया शिक्षा नहीं मिल पा रही है। इस विद्यालय पर प्रधानाध्यापक रवि मणि, सहायक अध्यापक राममिलन व दो शिक्षा मित्र मुकेश व गोपाल मणि त्रिपाठी सहित कुल चार लोगों की तैनाती है। इसके बावजूद यह विद्यालय एक महिला बीटीसी प्रशिक्षु वसुधा मौर्या के भरोसे चल रहा है। 1ग्रामीणों व पढ़ने वाले बच्चों की माने तो चारों शिक्षक विद्यालय पर हफ्ते में एकाध दिन ही आते हैं, और हाजिरी लगा कर नौ दो ग्यारह हो जाते हैं। यह विद्यालय जनपद के आखिरी छोर पर स्थित होने और गोरखपुर व सिद्धार्थनगर जनपद से घिरा होने के कारण यहां तैनात शिक्षकों पर विभाग की नजर नहीं पड़ती है। इसलिए यहां तैनात शिक्षक यदा कदा आते हैं। कागजों में हाजिरी लगाकर लाखों रुपये प्रतिमाह सरकार का चूना लगा रहे है। शिक्षकों के न आने से बच्चों और उनके अभिभावकों में आक्रोश है। प्रभारी खंड शिक्षा अधिकारी हेमवंत कुमार का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं था। मामले की जांच करा कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।जागरण संवाददाता, धानी, महराजगंज: सर्व शिक्षा अभियान को सफल बनाने के लिए जहां सरकार एड़ी से चोटी का जोर लगा रही है, वहीं दूसरी ओर सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षक इस अभियान का पलीता लगाने में कोई-कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसका जीता जागता उदाहरण धानी क्षेत्र में चल रहे प्राथमिक स्कूल बया कर रहे है। 1धानी विकास खंड के ग्राम सभा घीवपीड स्थित प्राथमिक विद्यालय में चार शिक्षकों की तैनाती के बावजूद यहां के बच्चें शिक्षा के लिए तरस रहे हैं। इन बच्चों को नियमित और बढ़िया शिक्षा नहीं मिल पा रही है। इस विद्यालय पर प्रधानाध्यापक रवि मणि, सहायक अध्यापक राममिलन व दो शिक्षा मित्र मुकेश व गोपाल मणि त्रिपाठी सहित कुल चार लोगों की तैनाती है। इसके बावजूद यह विद्यालय एक महिला बीटीसी प्रशिक्षु वसुधा मौर्या के भरोसे चल रहा है। 1ग्रामीणों व पढ़ने वाले बच्चों की माने तो चारों शिक्षक विद्यालय पर हफ्ते में एकाध दिन ही आते हैं, और हाजिरी लगा कर नौ दो ग्यारह हो जाते हैं। यह विद्यालय जनपद के आखिरी छोर पर स्थित होने और गोरखपुर व सिद्धार्थनगर जनपद से घिरा होने के कारण यहां तैनात शिक्षकों पर विभाग की नजर नहीं पड़ती है। इसलिए यहां तैनात शिक्षक यदा कदा आते हैं। कागजों में हाजिरी लगाकर लाखों रुपये प्रतिमाह सरकार का चूना लगा रहे है। शिक्षकों के न आने से बच्चों और उनके अभिभावकों में आक्रोश है। प्रभारी खंड शिक्षा अधिकारी हेमवंत कुमार का कहना है कि मामला संज्ञान में नहीं था। मामले की जांच करा कर कठोर कार्रवाई की जाएगी।