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लखनऊ : दो अक्तूबर से सरकारी कार्यालयों में तंबाकू, गुटका और पान-मसाले पर प्रतिबंध

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लखनऊ : दो अक्तूबर से सरकारी कार्यालयों में तंबाकू, गुटका और पान-मसाले पर प्रतिबंध

- तंबाकू, गुटका, पान और पान मसाला खाते हुए पकड़े जाने पर जुर्माना वसूलने की तैयारी

- गांधी जयंती से ही प्लास्टिक, पालीथिन और थर्मोकोल की वस्तुओं पर पूर्ण प्रतिबंध लगेगा

विशेष संवाददाता राज्य मुख्यालय। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में यूपी सरकार कई महत्वपूर्ण कदम उठाने जा रही है। इनमें सबसे खास कदम यह है कि दो अक्तूबर से प्रदेश के सभी सरकारी कार्यालयों में तंबाकू, गुटका और पान और पान मसाला खाने पर प्रतिबंध लग जाएगा। यही नहीं, इसी दिन से प्रदेश में प्लास्टिक, पालीथिन और थर्मोकोल की वस्तुओं पर भी पूरी तरह से प्रतिबंध लागू होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का इस प्रकार के प्रतिबंध लागू करने के पीछे सोच यह है कि इससे सरकारी कार्यालयों में सफाई नजर आएंगे। ज्यादातर सरकारी कार्यालयों में दीवारों, सीड़ियों, लिफ्टों और अन्य स्थानों पर तंबाकू, गुटका, पान और पान मसाला खाकर थूकने के कारण गंदगी होती है। ऐसा करने वाले अधिकारियों, कर्मचारियों और बाहरी व्यक्तियों से जुर्माना वसूलने की भी तैयारी है। खास बात यह है कि सचिवालय के भवनों में यह प्रतिबंध पहले से ही लागू है। लेकिन सचिवालय को छोड़कर अन्य सरकारी दफ्तरों में इनके खाने पर कोई प्रतिबंध नही है। सचिवालय के भवनों में तंबाकू, गुटका, पान और पान मसाला खाते हुए किसी अधिकारी, कर्मचारी और बाहरी व्यक्ति के पकडे जाने पर सुरक्षा कर्मियों को जुर्माना वसूलने का अधिकार है। पहले यह जुर्माना केवल सौ रुपये मात्र था, लेकिन गंदगी न रुकने पर करीब तीन साल पहले जुर्माना बढ़ाकर पांच सौ रुपये प्रति व्यक्ति कर दिया गया। साथ ही बाहरी व्यक्ति से पांच रुपये वसूलने के साथ उसका सचिवालय प्रवेश पत्र भी रद्द कर दिया जाता है। लेकिन सचिवालय में भी यह अभियान कोई खास सफल नहीं हो पा रहा है। इसके पीछे सबसे बड़ा कारण यह है कि पिछले काफी समय से सचिवालय में सुरक्षा कर्मियों की संख्या बहुत कम है। यहां तक कि सभी गेटों पर कम सुरक्षा कर्मी तैनात हैं। नए सचिवालय भवन (लोकभवन) को मिलाकर सचिवालय सुरक्षा कर्मियों के पद करीब 250 स्वीकृत हैं। लेकिन इनके पचास फीसदी पद खाली हैं। अभी तक इनके खाली पदों को भरा नहीं जा सका है। जिससे होमगार्डों का सहारा लेकर काम चलाया जा रहा है। ऐसे में होमगार्ड की क्या हिम्मत है कि वह पान, मसाला, तंबाकू या गुटखा खाने वाले अधिकारी या कर्मचारी को रोककर जुर्माना वसूले। सुरक्षा कर्मियों से भी कई बार लोग उलझ जाते हैं। लेकिन मुख्यमंत्री के इस मामले में दिलचस्पी लेने से सख्ती किए जाने से फर्क पड़ेगा।

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