सहारनपुर : नियुक्ति के बाद अब घर वापसी की जद्दोजहद, दो वरीयता सूची होने से परेशानी, लोस चुनाव से पूर्व सौगात की संभावना
जासं, सहारनपुर : परिषदीय स्कूलों में शिक्षक पदों पर नियुक्ति पाने वाले गैर जिलों के निवासी घर वापसी की जद्दोजहद में जुट गए हैं। प्रक्रिया में दो वरीयता सूची जारी होने का नुकसान इन शिक्षकों को ङोलना पड़ा है। टीईटी-2011 में नियुक्ति पाने शिक्षक भी घर वापसी की दूसरी सूची का बेताबी से इंतजार है। माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव से घर वापसी की मुराद पूरी हो सकती है। प्रदेश स्तर पर 68500 की भर्ती प्रक्रिया में जिले में 449 अभ्यर्थी नियुक्ति पाने में कामयाब रहे है, इनमें करीब 75 फीसदी जिले के निवासी हैं, जबकि शेष 25 फीसदी गैर जिलों के निवासी है। इस प्रक्रिया में पहले प्रदेश स्तर पर 41 हजार और बाद में छह हजार से अधिक अभ्यर्थियों की दो वरीयता सूची जारी की गई। पहली सूची में हाईमेरिट होने के कारण जिले के निवासी अनेक अभ्यर्थियों को नियुक्ति के लिए बाहरी जिलों का रूख करना पड़ा था। दूसरी सूची में कम मेरिट वाले अभ्यर्थी जिले में नियुक्ति पाने में कामयाब रहे थे। यहां 11 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आगमन के दौरान अभ्यर्थियों में मेरिट में घालमेल की शिकायत करते हुए उनसे गृह जनपद में नियुक्ति की मांग की थी। बताते चले कि इससे पूर्व टीईटी-2011 में नियुक्ति पाने वाले गैर जिलों के निवासी 400 शिक्षक भी घर वापसी की उम्मीद संजो रहे है, इसके लिए उनसे ऑनलाइन आवेदन मांगे गए थे। बाद में जारी सूची के मुताबिक जिले से 170 शिक्षकों के ही स्थानांतरण हो सके थे, वंचित शिक्षक दूसरी सूची होने का इंतजार कर रहे है। सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव से पूर्व सरकार अंतर जिला तबादले के लिए नई सूची जारी कर सकती है। परस्पर स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरु होने की संभावना से भी इंकार नही किया जा रहा है।
*क्या है परस्पर स्थानांतरण*
उदाहरण के लिए हरदोई निवासी विनोद कुमार सहारनपुर में शिक्षक पद पर कार्यरत है जबकि सहारनपुर निवासी प्रमोद कुमार हरदोई में कार्यरत है।ऐसे में दोनों अपने-अपने विभागीय मुखिया से एनओसी लेकर आवेदन करेंगे। आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोनों को स्थानांतरण संबंधी अनुमति दे दी जायेगी। इससे किसी एक जिले में आवश्यकता से अधिक शिक्षक नियुक्त नही होंगे।
*रमेंद्र कुमार सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी।*