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महराजगंज : विद्यालयों में मैदान होने के बाद भी नहीं हो रहे खेल

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विद्यालयों में मैदान होने के बाद भी नहीं हो रहे खेल


महराजगंज : जिले के सभी 237 माध्यमिक विद्यालयों में खेल मैदान हैं। अतिक्रमण कर 28 मैदानों में स्टैंड बनाए गए हैं। फूल-पौधे लगाए गए हैं जबकि 209 स्कूलों के मैदान बड़ी-बड़ी घास व झाड़-झंखाड़ से कराह रहे हैं। यही कारण है कि खेल मैदान होने के बाद भी अधिकतर विद्यालयों में खेल गतिविधियां शून्य हैं। माध्यमिक विद्यालयों की मान्यता के लिए खेल मैदान अनिवार्य शर्त है। इस शर्त को पूरा करने के लिए तमाम विद्यालय प्रबंधन ने आसपास की कुछ जमीनों को खेल मैदान के रूप में प्रदर्शित तो कर दिया है लेकिन वह जमीन इस लायक नहीं बनाए कि उस पर खेल अभ्यास अथवा प्रतियोगिताएं आयोजित हो सके। खेल मैदानों का रख-रखाव ठीक न होने से अधिकतर विद्यालयों में खेल गतिविधियां कागज के नाव में सैर कर रहीं हैं। पढ़ाई के साथ खेल अनिवार्य होने के बाद भी प्रधानाचार्य व जिम्मेदार अधिकारी विद्यालयों में खेल के प्रति लापरवाह बने हुए हैं। अधिकारियों ने जिम्मेदारी का निर्वहन किया होता तो विद्यालय प्रशासन खेल मैदान पर अतिक्रमण कर स्टैंड व फूल-पौधे लगाने का साहस नहीं जुटा पाता। विश्व में पदक पाना है तो स्कूली गेमों को बढ़ावा देना ही होगा और हर स्कूल में आठवीं घंटी खेल की बजानी ही होगी और खेल को प्रोत्साहन न देने वाले विद्यालय प्रशासन के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।

------ तराई के जनपद महराजगंज में खिलाड़ियों की कमी नहीं है। यहां से निकले कई खिलाड़ियों ने देश व राज्य स्तरीय खेलों में पदक जीते हैं पर स्कूलों में पांच वर्ष से खेलों के प्रति बढ़ती उदासीनता सोचने को विवश करती है। जरूरत है कि प्रत्येक स्कूल में खिलाड़ियों को नियमित अभ्यास कराया जाए, जिससे वे अपनी प्रतिभा निखार सकें और विश्व में पदक जीतने में भारत टाप पर पहुंच सके।



शैलेष यादव

राष्ट्रीय पहलवान

ग्राम: रुधौली भावचक, तहसील: सदर, महराजगंज

पूर्वोत्तर रेलवे गोरखपुर में कार्यरत

-------- विद्यालयों में प्रशिक्षक के अभाव व नियमित अभ्यास न कर पाने से खिलाड़ी प्रतिभा को निखार नहीं पा रहे हैं। जरूरत है कि सभी स्कूलों में नियमित रूप से खेल की घंटी बजे और खेल कराया जाए, जिससे खेल के प्रति विद्यार्थियों की रूझान बढ़े।

 

कृष्णा जायसवाल

वालीबाल खिलाड़ी

पनियरा, महराजगंज

-------------- खेल मैदान पर अतिक्रमण कर स्टैंड बनाने व फूल-पौधे लगाने वाले प्रधानाचार्यों को निर्देश दिया है कि तीन दिन के अंदर अतिक्रमण हटा कर मैदान को खेलने योग्य बनाएं। इसके साथ ही झाड़-झंखाड़ से पटे मैदानों को भी साफ करा कर खेल के योग्य बनाने का निर्देश दिया है। आगमी 15 सितंबर से सभी स्कूलों में खेल शुरू करा दिए जाएंगे।

अशोक कुमार ¨सह

जिला विद्यालय निरीक्षक

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