इलाहाबाद : शिक्षा विभाग के दो अफसरों के बीच चल रही रार, शिक्षक की नियुक्ति अवैध होने पर डीआइओएस ने रोका वेतन, डीआइओएस ने जेडी पर किया पलटवार
इलाहाबाद: जिला विद्यालय निरीक्षक ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश पर मकनपुर जगपत सिंह सिंगरौर इण्टर स्कूल में कार्यरत एलटी ग्रेड विजय प्रताप सिंह का वेतन रोक दिया है। न्यायालय ने इस नियुक्ति को अवैध करार दिया है।
उच्च न्यायालय ने ग्राम चंद्रसेन थाना पिपरी कौशाम्बी निवासी विजय प्रताप सिंह की नियुक्ति और वेतन भुगतान से संबंधित याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
साथ ही नियुक्ति अवैध करार देते हुए सभी प्रकार के वेतन व भत्ताें को रोक दिया। जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा ने बताया कि न्यायालय के आदेश का पालन कर दिया गया है।
इलाहाबाद : शिक्षा विभाग के दो अफसरों के बीच चल रही रार अब आरोप प्रत्यारोप में बदल गयी है। नियुक्ति को लेकर संयुक्त शिक्षा निदेशक माया निरंजन के लगाए गए आरोप पर शनिवार को जिला विद्यालय निरीक्षक आरएन विश्वकर्मा ने पलटवार किया है। उन्होंने नियुक्तियों में अनियमिता एवं धन लेने के आरोप बेबुनियाद एवं मनगढ़त बताते हुए जेडी की घेराबंदी की है। कहा कि डीआइओएस द्वितीय आफिस का एक मात्र चपरासी पिछले बीस वर्ष से जेडी के घर कार्य कर रहा है।
विश्वकर्मा ने कहा कि उन्हें आरोप पत्र दिए बिना उसे सार्वजनिक कर दिया गया। हालांकि शनिवार को संयुक्त शिक्षा निदेशक माया निरंजन द्वारा लगाए गए सभी आरोपों का उन्होंने बिंदुवार स्पष्टीकरण भेजा दिया है।
डीआइओएस ने कहा कि वरिष्ठ लिपिक अनुज त्रिपाठी के किसी भी कार्य के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है। जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय कार्यालय में उसे कर्मचारियों की संख्या कम होने एवं शासकीय कार्य में सहयोग के लिए लगाया गया था। राधारमण उच्चतर माध्यमिक विद्यालय ऊंचामंडी में पांच नियुक्तियां प्रबंधतंत्र की अनुमति के बाद कराई गई है। मंडलीय समिति के तीनों अधिकारियों के हस्ताक्षर के बाद इनके वेतन निर्गत हुए हैं। सेंट अंथोनी इंटर कालेज में लिपिक की नियुक्ति में अभ्यर्थी को आयु वर्ग में पांच वर्ष की छूट प्रदान करके नियमानुसार नियुक्ति की गई है। आर्यकन्या इंटर कालेज के प्राइमरी अनुभाग में 22 पदों के सापेक्ष 13 पदों पर नियुक्ति तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक द्वितीय अवध किशोर सिंह द्वारा की गई है। इसके अलावा जिन भी विद्यालयों में अध्यापक-कर्मचारियों की नियुक्तियां की गई हैं वह शिक्षा विभाग के नियमों के अनुसार हुई हैं।