अब रसोइया भी अंगूठा छोड़ करेंगी हस्ताक्षर
संवाद सहयोगी, छिबरामऊ: अधिकांश परिषदीय विद्यालयों में आज भी एमडीएम बनाने वाली रसोइया अंगूठा लगाकर भुगतान प्राप्त करती हैं। विश्व साक्षरता दिवस पर इसके लिए बीईओ ने नया निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत सभी प्रधानाध्यापकों को इन रसोइयों को साक्षर बनाने की जिम्मेदारी दी है। इस ओर सफलता मिलने पर रसोइया अंगूठे की छाप से मुक्ति मिल जाएगी।
विश्व साक्षरता दिवस पर शनिवार को ब्लाक संसाधन केंद्र परिसर में बैठक का आयोजन किया गया। खंड शिक्षा अधिकारी सुनील दुबे ने कहा कि आज भी क्षेत्र में सैकड़ों लोग निरक्षर हैं। लोग इसका फायदा उठाते हैं और आर्थिक नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे लोगों को साक्षर बनाने के लिए सभी को पहल करनी चाहिए। इसकी शुरूआत सभी अपने विद्यालयों से करें। रसोइया, विद्यालय प्रबंध समिति व अभिभावकों को भी इसके लिए प्रेरित करें। अपने कुछ समय को इन पर खर्च कर उन्हें साक्षर बनाएं। यह मुहिम आगे बढ़ेगी तो अधिकांश लोग साक्षर हो जाएंगे और निरक्षरता दर कम हो जाएगी। इस दौरान शशिकांत शुक्ला, राजपाल शाक्य, धर्मेद्र ¨सह, शैलेष मिश्रा, श्यामवीर ¨सह, विनोद मिश्रा, बलराम सविता मौजूद रहे।