चार मृतक आश्रित कोटे पर नौकरी कर रहे 12 शिक्षक
अमेठी : देश के प्रधानमंत्री भले ही भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना देख रहे हो, किंतु सरकार...
अमेठी : देश के प्रधानमंत्री भले ही भ्रष्टाचार मुक्त भारत का सपना देख रहे हो, किंतु सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों के रग-रग में घुसा भ्रष्टाचार का घुन जाने का नाम नहीं ले रहा है। वैसे तो बेसिक शिक्षा विभाग भ्रष्टाचार के मामलों में पहले से ही बदनाम है। भ्रष्टाचार की गिनती में एक और इजाफा हुआ है। बेसिक शिक्षा विभाग में अधिकारियों व कर्मचारियों की साठगाठ से कई वर्षो से मृतक आश्रित कोटे में दर्जन भर लोग शिक्षक बने बैठे है। साहब के रहमोकरम पर मृतक आश्रितों की नौकरी भी शान से चल रही है। बस उनकों नौकरी बचाये रखने के लिए महीने में कुछ चढ़ावा देना पड़ता है।
-एक का रोक दूसरे का बहाल होता है वेतन
विभागीय सूत्रों की माने तो जब कोई नया जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जिले में आता है। तो वह सबसे पहले मृतक आश्रित, अवरुद्ध वेतन व निलंबित शिक्षकों की फाइल का अवलोकन करता है। फाइल पहुंचते ही मृतक आश्रितों में हलचल मच जाती है और वह जुगाड़ ढूंढ़ने लग जाता है। फाइल मिलने के बाद मृतक आश्रित कोटे में नौकरी करने वाले दो भाइयों में पूर्व बीएसए द्वारा रोका गया वेतन बहाल कर दूसरे का रोक दिया जाता है। वेतन बहाल करने के लिए बीएसए को मोटी रकम भी मिल जाती है।
-संग्रामपुर में सबसे ज्यादा मृतक आश्रित
विभागीय सूत्रों की माने तो संग्रामपुर ब्लॉक में एक मृतक आश्रित कोटे पर चार सगे भाई सरकारी नौकरी का लाभ ले रहे है। वहीं गौरीगंज में मृतक आश्रित पर शिक्षक व अनुचर बने बैठे है, जबकि अमेठी, भादर, शाहगढ़ व भेटुआ में एक मृतक आश्रित कोटे पर दो-दो सगे भाई अधिकारियों के रहमोकरम पर शिक्षक बने बैठे है।
-मंगाई जाएगी सूची
इस बाबत जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार मिश्र ने कहा कि अगर ऐसा है, तो समस्त खंड शिक्षा अधिकारियों से मृतक आश्रित कोटे में तैनात शिक्षकों व कर्मचारियों की सूची मंगाई जाएगी।
Posted By: Jagran