लखनऊ : 25 से 27 अक्टूबर तक हड़ताल की चेतावनी दी, ‘सरकार नहीं मानी तो टकराव’, 2 लाख कर्मियों की हुंकार
पुरानी पेंशन नीति बहाल करने के मुद्दे पर सरकार से वार्ता विफल होने के बाद राज्य कर्मचारियों ने हड़ताल का ऐलान कर दिया है। हड़ताल हुई तो प्रदेश के विकास पर असर पड़ेगा। सरकार और कर्मचारियों दोनों के लिए ही यह ठीक नहीं। इसलिए दोनों को मिलकर जल्द से जल्द इसका सर्वमान्य हल तलाश लेना चाहिए।
वार्ता विफल हुई
दोपहर एक बजे कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी-पुरानी पेंशन बहाली मंच के सदस्यों को डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने बुलाया। एक घंटे तक चली वार्ता में सहमति नहीं बनीं तो कर्मचारी नेता लौट गए। चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नेता रामराज दुबे ने बताया कि डिप्टी सीएम ज्यादातर मसलों से अनिभिज्ञ थे और आश्वासन दे रहे थे। ऐसे में वार्ता विफल रही। वार्ता करने गए प्रतिनिधि मंडल में बाबा हरदेव सिंह, हरिकिशोर तिवारी, एमएलसी संजय मिश्र, राजबहादुर चंदेल व निखिल शुक्ल मौजूद थे।
8 विधान भवन के सामने जुटे कर्मचारी, लगा जाम
ईको गार्डन में सोमवार को कर्मचािरयों ने किया विरोध प्रदर्शन
पुरानी पेंशन नीति की बहाली की मांग पर ईको गार्डन में जुटे
• एनबीटी संवाददाता, लखनऊ । कर्मचारी की तनख्वाह से काटा गया अंश शेयर मार्केट में लगाने की पेंशन नीति व पेंशन में सरकारी अंश का हिसाब न देने के विरोध में दो लाख से ज्यादा राज्य कर्मचारियों ने सोमवार को लखनऊ में विरोध प्रदर्शन किया। ईको गार्डन में आयोजित रैली में कर्मचारियों की इतनी बड़ी संख्या देख प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। आनन-फानन में डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा से कर्मचारी और शिक्षक नेताओं की वार्ता करवाई गई। वार्ता विफल होने पर कर्मचारी नेताओं ने 25 से 27 अक्टूबर तक सरकारी विभागों में हड़ताल करने की चेतावनी दी है। नेताओं का कहना है कि बात नहीं बनी तो इसे अनिश्चितकालीन हड़ताल में तब्दील किया जाएगा।
सोमवार सुबह ईको गार्डन से लेकर विधान भवन तक कर्मचारी ही कर्मचारी नजर आ रहे थें। ज्यादातर कर्मचारियों का जमावड़ा ईको गार्डन में था। करीब 11 बजे ट्रेड यूनियन नेता शिव गोपाल मिश्र ने रैली को संबोधित करते हुए कहा कि अब तक करीब 10 हजार करोड़ रुपये केंद्रीय और राज्य कर्मचारियों के वेतन से नई पेंशन के नाम पर काटे है। इस पैसे का सरकार के पास कोई लेखा-जोखा नहीं है। कर्मचारी अधिकारी महापरिषद के पूर्व अध्यक्ष बाबा हरदेव ने कहा कि सरकार को पुरानी पेंशन नीति बहाल करनी चाहिए। वहीं, मंच संयोजक हरिकिशोर तिवारी ने कहा कि अरसे से हम केंद्र व राज्य सरकार से पुरानी पेंशन नीति की बहाली के लिए शांतिपूर्ण तरीके से अनुरोध कर रहे थे। आज की रैली के बाद भी सरकार नहीं मानी तो टकराव तय है।