शैक्षिक कैलेंडर के अनुपालन में कोताही बरत रहे जिम्मेदार
संतकबीर नगर : माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षिक कैलेंडर का पालन नहीं किया जा है। सत्र शुरू होने के छह...
संतकबीर नगर : माध्यमिक विद्यालयों में शैक्षिक कैलेंडर का पालन नहीं किया जा है। सत्र शुरू होने के छह माह बाद भी अनेक विद्यालय में लापरवाही बरती जा रही है। यह स्थिति तब है जब हाल में प्रधानाचार्यों की बैठक करके व्यवस्था बनाई गई। अधिकांश विद्यालयों में अभी तक न सुचारू रूप से पठन-पाठन हो रहा न ही शैक्षिक कैलेंडर के अनुपालन किया जा सका। ऐसे में कक्षाओं
में मनमाफिक पढ़ाई हो रही है। स्थिति यही रही तो गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा के साथ समय से पाठ्यक्रम पूरा होने पर भी संशय होगा और अंत समय में आनन-फानन में कोरम निभाया जाएगा। माध्यमिक विद्यालयों की इस कार्यशैली से शासन द्वारा शैक्षिक कैलेंडर को लेकर बनी योजना फाइलों में रह गई है। नए सत्र को आरंभ हुए अप्रैल, मई व ग्रीष्मावकाश के बाद जुलाई के तीन माह से अधिक समय गुजर गए। बावजूद इसके विद्यालयों में सभी कार्य ऐसे तैसे चल रहे हैं। कुछ विद्यालयों में शैक्षिक कैलेंडर का पालन थोड़ा बहुत होता जरूर है, लेकिन शत-प्रतिशत नहीं हो रहा है। विद्यालयों में शैक्षिक कैलेंडर लागू करने के पीछे शासन की मंशा विद्यालयों में पठन-पाठन का माहौल बनाने के साथ ही पहली से आठवीं वेला तक छात्र-छात्राओं की शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित कराना है।
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निर्देश बेअसर योजना अधूरी
प्रधानाचार्यों को कैलेंडर को प्रभावी ढंग से लागू करने के का निर्देशित दिया गया। इसके बावजूद शैक्षिक कैलेंडर लागू करने की शासन की योजना सफल साबित नहीं हो रही। कैलेंडर में विद्यालयों में साप्ताहिक, मासिक तथा त्रैमासिक कार्यक्रमों का विवरण शामिल करना, समय
सारिणी का निर्माण, पाठ्यक्रम का विभाजन, नियमित रूप से पुस्तकालय की व्यवस्था, पांच सहगामी क्रियाओं का आयोजन जिसमें विद्यालयी प्रार्थना को मुख्य रूप से शामिल करना है। इसके अलावा प्रार्थना सभा में राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय घटनाओं की चर्चा करना एवं समाचार की प्रति बोर्ड पर चस्पा करने के साथ ही विद्यालयों में महापुरुषों के सद् वाक्य लिखवाना आदि व्यवस्था शैक्षिक कैलेंडर के अनिवार्य अंग हैं।
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पाठ्यक्रम में नहीं चलेगी लापरवाही
- विद्यालयों में नियमानुसार होगा पठन-पाठन होगा। प्रधानाचार्यों को शैक्षिक कलेंडर के अनुपालन के साथ पठन-पाठन की स्थिति सु²ढ़ करने के लिए दिशा निर्देशित किया गया। शैक्षिक गुणवत्ता व समयानुसार विषय सामग्री विद्यार्थियों को सुनिश्चित कराने के लिए इसका सख्ती से पालन कराया जाएगा।
- शिव कुमार ओझा
-जिला विद्यालय निरीक्षक