इलाहाबाद : यूपी बोर्ड में नकल मफियाओं के लदेंगे दिन, अशासकीय व वित्तविहीन स्कूलों में वायस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा और रिकॉर्डिग के डीवीआर अनिवार्य
इलाहाबाद : अगले साल होने वाली यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा में नकल माफिया हावी नहीं हो सकेंगे। उन्हें किनारे लगाने के लिए परीक्षा नीति में ही भरपूर इंतजाम किये गए हैं। मानक पूरे हुए बिना कोई भी कालेज परीक्षा केंद्र नहीं बन पाएगा। इस बार शर्ते ऐसी रखी गई हैं कि दागी कालेज केंद्र निर्धारण में ही बाहर कर दिए जाएंगे। 1माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की केंद्र निर्धारण नीति मंगलवार को जारी हो गई है। इसमें कहा गया है कि जिन अशासकीय सहायताप्राप्त और वित्तविहीन कालेजों को परीक्षा केंद्र बनाया जाए, उनमें प्रवेश द्वार सहित हर कक्ष में वायस रिकॉर्डर युक्त सीसीटीवी कैमरा रिकॉर्डिग के लिए डीवीआर लगा होना अनिवार्य है। यह शर्त राजकीय कालेजों पर लागू नहीं है। उन्हीं कालेजों को केंद्र बनाया जाएगा जहां मान्यता मिलने के बाद कालेज के परीक्षार्थियों के कम से कम तीन बैच पहले परीक्षा में शामिल हो चुके हों। यानी नई मान्यता लेने वाले कालेज परीक्षा केंद्र नहीं बन सकेंगे। यह भी कहा गया है कि एक ही प्रबंधक की ओर से संचालित कालेजों के छात्रों को उसी प्रबंधक के दूसरे कालेजों में परीक्षा देने न भेजा जाए। ऐसे ही विभिन्न प्रबंधकों के स्कूलों के कालेजों को परस्पर केंद्र न बनाया जाए। इससे स्पष्ट है कि केंद्र निर्धारण में छात्रों की अदला-बदली पर पूर्ण निषेध है। इसी तरह प्रबंधतंत्र के अधीन वाले कालेज केंद्र बनेंगे वहां कक्ष निरीक्षक के रूप में उसी प्रबंधतंत्र के स्कूलों में पढ़ाने वाले शिक्षकों की ड्यूटी नहीं लगाई जाएगी। जिन कालेजों को बालिकाओं का स्वकेंद्र बनाया जाएगा वहां वाह्य केंद्र व्यवस्थापक के साथ ही कम से कम 50 फीसदी स्टाफ वाह्य विद्यालयों से ही नियुक्त किया जाएगा।