बदनाम है पटल, फिर भी बाबू वही
जागरण संवाददाता, उन्नाव : शिक्षिका से घूस लेते पकड़े गए प्रधान लिपिक ने फिर जिला बेसिक शिक्ष्...
जागरण संवाददाता, उन्नाव : शिक्षिका से घूस लेते पकड़े गए प्रधान लिपिक ने फिर जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय के पटल को सुर्खियों में ला दिया है। कार्यालय के बाबुओं की करतूत पहले भी जगजाहिर हो चुकी है। चाहे 12460 सहायक शिक्षकों की भर्ती में फर्जीवाड़ा हो या शिक्षकों के निलंबन, बहाली और तैनाती में वसूली का खेल, छिपा नहीं है। बावजूद इसके बाबुओं को 'मौका' देने में महकमा कोई कसर नहीं छोड़ रहा।
जिला बेसिक शिक्षा कार्यालय में गुरुवार को एंटी करप्शन की तीसरी छापेमारी है। इससे पहले सर्व शिक्षा अभियान और लेखा विभाग के पटल से घूस की रकम लेते दो बाबू पकड़े जा चुके हैं। छोटे से लेकर बड़े काम कराने में बदनाम पटल पर तत्कालीन सीडीओ संजीव कुमार और टीके शिबु भी छापा मार चुके हैं। इसके बाद उन्होंने प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालय की मान्यता, शिक्षक नियुक्ति के पटल में फेरबदल किया। यह कार्रवाई ज्यादा प्रभावी नहीं हो सकी। प्रशासनिक अधिकारियों को दिखाने के लिए सिर्फ कुछ दिनों के लिए पटल में बदलाव हुए। ढर्रा न बदलने का ही नतीजा 12460 सहायक शिक्षक भर्ती में देखने को मिला। दूसरे जिले से फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी की दावेदारी करने वाले 11 आवेदक दबोचे गए। एक महिला आवेदक को सुमेरपुर ब्लाक में नियुक्ति भी दिला दी गई थी। यह खेल पकड़ में आने के बाद सभी के आवेदन रद किए गए और एफआइआर हुई। शिक्षक भर्ती में फर्जीवाड़े का यह खेल 'दैनिक जागरण' ने उजागर किया था।