प्रयागराज : अब उच्च शिक्षा निदेशालय ने बदल दिया शिक्षक भर्ती का नियम, अब यह होगी नई प्रकिया
प्रयागराज : शिक्षक भर्ती के बीच में अब उच्च शिक्षा निदेशालय ने नियम बदल दिया है। अशासकीय महाविद्यालयों की असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती प्रक्रिया में ऑनलाइन काउंसिलिंग के बहाने तीन विषयों रसायन, भौतिक और जंतु विज्ञान के चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति रोक दी गई, जबकि इसी भर्ती यानि विज्ञापन 46 के तहत 41 विषयों में नियुक्तियां ऑफलाइन काउंसिलिंग माध्यम से ही कराई जा चुकी हैं। अभ्यर्थी कह रहे हैं कि दोनों प्रक्रिया में अंतर भी नहीं है, तब केवल तकनीक का सहारा लेकर नियुक्ति से क्यों रोका जा रहा है। 1उप्र उच्चतर शिक्षा सेवा चयन आयोग से तीनों विषयों में चयनित अभ्यर्थियों की काउंसिलिंग उच्च शिक्षा निदेशालय में 22 से 31 अक्टूबर तक होनी थी। लेकिन, काउंसिलिंग ऑनलाइन कराने के नाम पर प्रक्रिया अचानक रोकी गई है। अभी तक ऑफलाइन माध्यम से जिन 41 विषयों में काउंसिलिंग कराई गई उसमें अभ्यर्थियों के साक्षात्कार के दौरान भरे गए विकल्प के अनुसार उन्हें कालेज आवंटित किया जाता रहा है। इससे 10 दिन में ही करीब साढ़े तीन सौ अभ्यर्थियों की नियुक्ति प्रक्रिया पूरी हो जाती थी।
अब शासन की विशेष सचिव मधु जोशी की ओर से आदेश जारी हुआ है उसमें ऑनलाइन प्रक्रिया शुरू होने तक काउंसिलिंग पर रोक लगाए जाने के निर्देश दिए गए हैं। कहा गया है कि एनआइसी की ओर से एक साफ्टवेयर विकसित हो रहा है। इसमें अभ्यर्थी की ओर से साक्षात्कार के समय भरे गए विकल्प को कंप्यूटर से फीड कर वरीयता क्रम के अनुसार कालेज आवंटित किया जाएगा। चयनित अभ्यर्थी अपने अनुक्रमांक व जन्म की तारीख डालकर अपना आवंटन पत्र ऑनलाइन निकाल सकेंगे। बड़ा सवाल है कि जब ऑनलाइन काउंसिलिंग का साफ्टवेयर ही अभी विकसित नहीं हो सका है तो तीन विषयों में नियुक्ति प्रक्रिया बीच में रोकने का क्या औचित्य है और दूसरा यह कि जब एक ही भर्ती में 41 विषयों की काउंसिलिंग ऑफलाइन हुई तो शेष तीन विषयों की काउंसिलिंग ऑनलाइन कराने का नियम बीच में किस आधार पर बदला गया। उच्च शिक्षा प्रतियोगी मंच के अध्यक्ष चंद्रेश पांडेय, संयोजक पवन कुमार सिंह, विनय सिंह, अवधेश सिंह आदि ने विरोध जताया है।
वर्तमान व्यवस्था जारी रखें : ऑनलाइन काउंसिलिंग प्रक्रिया के विरोध में सोमवार को रसायन, भौतिक और जंतु विज्ञान विषय के चयनित अभ्यर्थियों ने निदेशालय में धरना दिया। इनकी मांग रही कि जो व्यवस्था अभी तक चली आ रही है उसी माध्यम से काउंसिलिंग कराने की तारीख जल्द घोषित की जाए।