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गोरखपुर : यहां पढ़िए किताबें और मुफ्त कोचिंग, स्वेच्छा से पढ़ाने आते हैं विशेषज्ञ

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गोरखपुर : यहां पढ़िए किताबें और मुफ्त कोचिंग, स्वेच्छा से पढ़ाने आते हैं विशेषज्ञ

उर्दू सहित हर तरह की किताबों का नायाब संग्रह है नासिर लाइब्रेरी

काशिफ अली ’ गोरखपुर 1यदि आप किताब पढ़ने के शौकीन हैं तो ऊंचवा स्थित नासिर लाइब्रेरी में आइए। यहां न सिर्फ पढ़ने के लिए हर तरह की महंगी किताबें मिलेंगी बल्कि एसएससी, जेआरएफ, नेट-यूजीसी की तैयारी की कोचिंग भी कर सकते हैं। इसके लिए कोई शुल्क नहीं है। उर्दू पढ़ने वालों के लिए हर तरह की किताबों का भी संग्रह है। करीब 30 वर्ष पूर्व प्रोफेसर नुरुद्दीन ने भाई नासिर के नाम से लाइब्रेरी शुरू की थी। नासिर को किताबों का बहुत शौक था। उन्होंने घर के अधिकांश हिस्सों में हंिदूी, अग्रेजी और उर्दू की किताबें सजा रखी थी। नासिरुद्दीन उर्फ नासिर के गुजर जाने के बाद उनकी याद में लाइब्रेरी स्थापित की गई। जिसमें लोगों द्वारा गिफ्ट की गई किताबें भी रखी गईं हैं। लाइब्रेरी में अन्य भाषाओं के अलावा उर्दू की बेशकीमती किताबें हैं जो आसानी से दुकानों पर नहीं मिलती। गोरखपुर-बस्ती मंडल के तमाम स्कूलों व कॉलेजों के बच्चे उर्दू की किताबें पढ़ने लाइब्रेरी में आते हैं। यहां 27 हजार किताबें हैं और इनकी नियमित संख्या 55-60 है। उर्दू की पांचवीं से लेकर पीजी तक की किताबें उपलब्ध हैं। पाठ्यक्रम के अलावा भी साहित्यिक किताबें भी विद्यार्थियों को मुहैया कराई जाती है।ऊचवां स्थित नासिर लाइब्रेरी के व्यवस्थापक रौशन सिद्दीकी व निश्शुल्क कोचिंग करतीं छात्रएं ’ जागरणहमारा मकसद जरूरतमंद बच्चों को हर वो किताब मुहैया कराना है जो दुकानें पर नहीं मिलती या महंगी होने के कारण बच्चे खरीद नहीं पाते। इसके अलावा बच्चों को प्रतियोगी परीक्षा के लिए कोचिंग दी जाती है। लाइब्रेरी के संचालन में कुछ लोग मदद करते हैं इसलिए बच्चों से किसी तरह का शुल्क नहीं लिया जाता। 1रौशन सिद्दीकी, व्यवस्थापकलाइब्रेरी में आने वाले बच्चों को निश्शुल्क कोचिंग का भी इंतजाम है। एसएससी, जेआरएफ, नेट-यूजीसी समेत विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए सुबह और शाम दोनों वक्त क्लासेज चलती है। विषय के विशेषज्ञ स्वेच्छा से वहां पढ़ाने आते हैं। तिवारीपुर के सैयद उमैर कभी लाइब्रेरी में पढ़ने आते थे। उमैर लाइब्रेरी से इतने प्रभावित हुए कि अब वह बच्चों को निश्शुल्क कोचिंग दे रहे हैं। पीओ की तैयारी कर रहे जाफरा बाजार के शहबाज अहमद का कहना है सभी प्रतियोगी पत्रिकाएं खरीदना उनके बस की बात नहीं है। लाइब्रेरी में सभी तरह की पत्रिकाएं आसानी से मिल जाती है। इसलिए प्रतिदिन दोस्तों के साथ लाइब्रेरी आता हूं।

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