लखनऊ : डिग्री कॉलेजों में यूपी बोर्ड की तर्ज पर परीक्षाएं कराई जाएंगी
लखनऊ : सरकार अब उच्च शिक्षा में व्याप्त नकल माफियों पर प्रहार करेगी। डिग्री कॉलेजों में यूपी बोर्ड की तर्ज पर परीक्षाएं कराई जाएंगी। वहीं परीक्षा केंद्रों का निर्धारण विश्वविद्यालय के बजाए ऑनलाइन होगा। 1ये बातें डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहीं। वह बुधवार को लखनऊ विश्वविद्यालय संबद्ध महाविद्यालय शिक्षक संघ (लुआक्टा) की राष्ट्रीय संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद रहे। उन्होंने कहा कि सिर्फ सिस्टम में सुधार कर बोर्ड परीक्षा नकलविहीन कराने में सफलता मिली है। अब सरकार उच्चशिक्षा विभाग की परीक्षा प्रणाली में सुधार पर विचार कर रही है। इसमें आंशिक बदलाव कर यूपी बोर्ड का सिस्टम अपनाया जाएगा। केंद्रों के निर्धारण के लिए डिग्री कॉलेजों से ऑनलाइन ब्योरा मांगा जाएगा। वहीं जीपीएस सिस्टम से केंद्रों की दूरी तय की जाएगी। साथ ही इंफ्राट्रक्चर, संसाधन का ब्योरा भी डिग्री कॉलेजों को ऑनलाइन भेजनी होगी। वहीं नकल रोकने के लिए सीसीटीवी, वॉयस रिकॉर्डर व मजिस्ट्रेट को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। राज्यपाल से वार्ता हो चुकी है। नई परीक्षा प्रणाली में कम समय में परीक्षा कराने पर जोर होगा। इसके लिए पूरा शैक्षिक पंचांग बनेगा। उन्होंने विश्वविद्यालयों को फरवरी तक परीक्षाएं कराने को भी कहा। 1ट्रांसफर का पहुंचेगा मैसेज : डिप्टी सीएम डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा कि बेसिक शिक्षा, माध्यमिक शिक्षा विभाग में ट्रांसफर का एक बेहतर ऑनलाइन सिस्टम बनाया जा रहा है। इसमें स्थानांतरण में वरीयता वाले लोग (दिव्यांग, विवाहित महिला आदि) का अलग कॉलम होगा। इसमें मेरिट सिस्टम होगा। ट्रांसफर के लिए आवेदन करने वालों की खुद ही प्राथमिकता के आधार पर मेरिट तय हो जाएगी और निदेशक का डिजिटल सिग्नेचर होकर ट्रांसफर का मैसेज मोबाइल पर पहुंच जाएगा।1विभाग का बनेगा अपीलीय प्राधिकरण : डिप्टी सीएम ने कहा कि शिक्षा विभाग में सबसे अधिक कोर्ट केस हैं। इसका एक रिकॉर्ड भी बन सकता है। उन्होंने कहा कि अधिक मुकदमों के चलते अफसर विभाग की जिम्मेदारी लेने से कतराते हैं। इसे लेकर एक न्यायाधीश की अध्यक्षता में अपीलीय प्राधिकरण बनेगा, जहां विभाग के संबंधित मामलों की सुनवाई होगी।