रसोई से आंगनबाड़ी केंद्र के बच्चे बायकाट
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शासन के एक निर्देश पर आंगनबाड़ी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों...
जागरण संवाददाता, फतेहपुर : शासन के एक निर्देश पर आंगनबाड़ी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को गर्मागर्म भोजन की व्यवस्था परवान नहीं चढ़ पा रही है। आंगनबाड़ी केंद्रों में पढ़ने वाले 65 हजार बच्चों को भोजन नहीं मिल पा रहा है। योजना की घोषणा भले ही कर दी गई हो लेकिन यह योजना अभी तक परवान नहीं चढ़ पाई है।
शासन ने फैसला करते हुए परिषदीय विद्यालयों में बनने वाले मध्याह्न भोजन के हिस्सेदारी में आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को शामिल कर दिया था। जिले में प्रायोगिक तौर पर कुछ विद्यालयों में इसे सितंबर माह में लागू भी किया गया था। योजना में धन न मिल पाने के कारण इन विद्यालयों में भी बच्चे अब नहीं जा रहे हैं। हाटकुक्ड योजना के तहत बच्चों को पहले ही भोजन बंद किया जा चुका है नई नवेली योजना भी परवान नहीं चढ़ पा रही है। महिला एवं बाल पुष्टाहार योजना के तहत जिले के 65,000 बच्चों को परिषदीय विद्यालयों की रसोई में बने भोजन को परोसे जाने का निर्णय लिया था। जिला कार्यक्रम अधिकारी जया त्रिपाठी ने बताया कि योजना के पूरी तरह क्रियान्वित होने में अभी एक सप्ताह का समय लग जाएगा। खाद्यान्न आवंटन के लिए काम किया जा रहा है। इसके बाद योजना से लाभान्वित बच्चों को भोजन दिया जाएगा।
यह है योजना
- आंगनबाड़ी केंद्रों के बच्चों को भोजन परोसे जाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के खाते में राशि भेजी जाएगी, उसका खाद्यान्न अलग से तय होगा। इसके साथ ही परिषदीय विद्यालय द्वारा रसोइया की सेवा एवं ईंधन की व्यवस्था बेसिक शिक्षा विभाग से की जाएगी। जिसमें आंगनबाड़ी केंद्र को मिलने वाली राशि से एक रुपया प्रति बच्चा मेहनताना भी रसोइया को देय होगा। दो केंद्रों से अधिक बच्चों की स्थिति और अधिक बच्चों की संख्या पर रसोइयों को प्रति बच्चा 75 पैसे ही देय होंगे।