महराजगंज : शिक्षा के साथ संस्कारों की भी पौध तैयार कर रहे परिषदीय गुरुजन
महराजगंज: विद्यालय को चरित्र निर्माण का पौधशाला कहा गया है। यदि यहां पढ़ने वाले नौनिहालों को शिक्षा के साथ- साथ उचित संस्कार भी दिए जाएं तो ये बच्चे आगे चलकर एक आदर्श व्यक्ति बन समाज व राष्ट्र निर्माण की दिशा में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। हम बात कर रहे हैं नौतनवा ब्लाक क्षेत्र के ग्राम सभा विशुनपुरा स्थित प्राथमिक विद्यालय की। यहां तैनात शिक्षकों के लगन व परिश्रम का नतीजा है कि जंगल के समीप स्थित विशुनपुरा, जहरी, सगरहवा आदि गांवों में निवास करने वालों बच्चों को न केवल बेहतर शैक्षिक माहौल मिल रहा है, बल्कि वे अपने नेक आचरण व सदव्यवहर से अपने अभिभावकों का दिल जीतने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
नौतनवा ब्लाक क्षेत्र के विशुनपुरा गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय बेहतर शैक्षिक माहौल व आधुनिक संसाधनों से सुसज्जित होने के कारण क्षेत्र के निजी स्कूलों से किसी भी मायने में कम नहीं हैं। इस काम को जमीन पर उतारने में यहां तैनात प्रभारी प्रधानाध्यापक राजकुमार ¨सह व उनके सहयोगी शिक्षक दिलीप चौरसिया, शिक्षा मित्र सपना राय व सत्यावती का सराहनीय योगदान मिल रहा है।राजकुमार ¨सह बताते हैं कि महराजगंज स्थित जवाहर लाल नेहरु पीजी कालेज से राजनीति विज्ञान में एमए व फिर चौधरी चरण ¨सह विश्वविद्यालय मेरठ से बीएड की शिक्षा ग्रहण करने के बाद जब नवंबर 2015 में विशुनपुरा स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनाती हुई तो बच्चों की सीमित संख्या व बदहाल व्यवस्था को देखकर युवा मन में तरह-तरह के विचार उमड़ने-घुमड़ने लगे, लेकिन अपने रचनात्मक स्वभाव व सहयोगी शिक्षकों के कुछ कर गुजरने की तमन्ना से पुराने माहौल को बदलने में तनिक भी देर न लगी।मौजूदा समय में विद्यालय में 226 छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं, जो अन्य विषयों के साथ ही अंग्रेजी विषय में भी किसी कान्वेंट स्कूल से कम नहीं है। सुबह की प्रार्थना सभा के साथ नियमित होने वाले योग व्यायाम व विद्यालय में मिलने वाले पौष्टिक भोजन से बच्चों के सेहत में भी काफी सुधार आ रहा है। यही कारण है कि यहां क्षेत्र के आधा दर्जन निजी स्कूलों को छोड़कर आए छात्र-छात्राएं अंतिमा गौड़, अर्चिता, पूजा, राज थापा आदि नामांकन कराकर अब यहां के नियमित छात्र बन चुके हैं। विद्यालय के चारों तरफ लगी सात फिट उंची चाहरदिवारी के साथ-साथ कमरों में लटक रहे पंखे यहां के बेहतर व्यवस्था की हकीकत बयां कर रहे हैं। विद्यालय परिसर में बना पांच कमरे का शौचालय स्वच्छ भारत मिशन की बेहतर तस्वीर प्रस्तुत कर रहा है। स्वच्छता की आदतों को अपने जीवन का अनिवार्य अंग बना चुके विद्यार्थी आवश्यकता पड़ने पर खुले में शौच न जाकर शौचालयों का ही उपयोग करते हैं। विशुनपुरा गांव स्थित प्राथमिक विद्यालय में शिक्षा के प्रति शिक्षकों व छात्रों के लगन को देखकर समाज का भरपूर सहयोग मिल रहा है। आवश्यकता पड़ने पर सरकारी बजट का इंतजार किए बिना ही यहां के शिक्षक बच्चों की हित में सभी तरह की जरुरी सुविधाएं मुहैया कराने में कहीं से पीछे नहीं रहते हैं।साथ ही समाज के लोग भी डेस्क, बेंच व धन से विद्यालय का भरपूर सहयोग कर रहे हैं। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जगदीश प्रसाद शुक्ल का कहना है कि शिक्षकों के लगन व परिश्रम से विद्यालय में बेहतर शैक्षिक माहौल बना है। इससे अन्य स्कूलों में तैनात शिक्षक-शिक्षिकाओं को बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी।