लखनऊ : टीईटी में पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थी सर्वाधिक सफल, क्वालिफाइंग अंकों में छूट के बावजूद एससी वर्ग की हिस्सेदारी कम, प्राथमिक स्तर पर विज्ञान के अभ्यर्थी का सफलता प्रतिशत अधिक
राज्य ब्यूरो, लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर पर आयोजित की गईं उप्र शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के अभ्यर्थी सबसे ज्यादा सफल हुए हैं। हालांकि उनकी सफलता में क्वालिफाइंग अंकों में मिली छूट का भी योगदान है। वहीं 55 प्रतिशत क्वालिफाइंग अंकों के बावजूद अनुसूचित जाति वर्ग की कुल सफल अभ्यर्थियों में हिस्सेदारी कम रही है। यह बात और है कि टीईटी में शामिल होने और सफलता प्राप्त करने वाले सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के औसत अंक अन्य वर्गो के अभ्यर्थियों के औसत अंक से ज्यादा रहे हैं।
राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने वर्ष 2013, 2014 और 2015 में हुए यूपीटीईटी के परिणामों का विश्लेषण किया है जिसमें यह तथ्य सामने आये हैं। कला वर्ग की तुलना में प्राथमिक स्तर की टीईटी में विज्ञान वर्ग के अभ्यर्थियों की सफलता का प्रतिशत दो से तीन गुना है। उच्च प्राथमिक स्तर की टीईटी में कला वर्ग के अभ्यर्थियों की सफलता का प्रतिशत ज्यादा है। भाषा शिक्षक के लिए 2013 और 2014 में प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्तर पर आयोजित टीईटी में कला वर्ग के अभ्यर्थी ज्यादा सफल रहे हैं।कोर्स में बदलाव लाएं संस्थाएं1रिपोर्ट में टीईटी में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों के प्रदर्शन को खराब बताया गया है। साथ ही विश्वविद्यालयों और डीएलएड पाठ्यक्रम संचालित करने वाली संस्थाओं को टीईटी के संदर्भ में पठन-पाठन में सुधार लाने और अपने कोर्स को फिर से डिजाइन करने की सलाह दी गई है। तीनों वर्षों की टीईटी के नतीजों के विश्लेषण के आधार पर रिपोर्ट में यह सिफारिश की गई है कि इस परीक्षा के प्रश्नपत्र के विभिन्न खंडों में कला और विज्ञान वर्ग के लिए समान कठिनाई वाले सवाल शामिल किये जाएं।