इलाहाबाद : यूपी में बीटीसी पर्चा लीक में प्रिंटिंग प्रेस के दो मालिक गिरफ्तार
हिन्दुस्तान टीम,इलाहाबाद । बीटीसी पेपर लीक प्रकरण में मुख्यमंत्री की सख्ती के बाद एसटीएफ ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस मामले में एसटीएफ ने इलाहाबाद के दो प्रिंटिंग प्रेस के मालिकों को गिरफ्तार किया है। जांच में सामने आया है कि प्रश्नपत्र छापने और परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचाने का ठेका दीप्ति इंटरप्राइजेज को मिला था लेकिन दीप्ति इंटरप्राइजेज यह काम खुद न करके भार्गव प्रेस से करा रहा था। पेपर छापने और केन्द्र तक पहुंचाने के दौरान सुरक्षा और गोपनीयता के कोई इंतजाम नहीं थे। जांच में मिली इन अनियमितताओं के बाद एसटीएफ ने कार्रवाई की है।
बीटीसी के चतुर्थ सेमेस्टर की परीक्षा आठ अक्तूबर को होनी थी। सात अक्तूबर की दोपहर को बीटीसी के सभी आठ प्रश्नपत्र लीक होकर सोशल मीडिया पर वायरल हो गए थे। डीआईओएस सत्येंद्र कुमार सिंह ने जांच की तो पेपर लीक की पुष्टि हुई थी। इसके बाद पूरे प्रदेश में बीटीसी परीक्षा निरस्त कर दी गई थी। सरकार ने मामले की जांच एसटीएफ को सौंपी थी। एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि एसटीएफ ने 11 अक्टूबर को कौशाम्बी और इलाहाबाद में जाकर पूछताछ शुरू की। इसमें पता चला कि बलरामपुर हाउस स्थित दीप्ति इंटरप्राइजेज विगत कई वर्षों से प्रश्नपत्रों को छापने और परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचाने के लिए अधिकृत है। इस वर्ष भी परीक्षा नियामक प्राधिकारी, इलाहाबाद ने दीप्ति इंटरप्राइजेज को इस काम का ठेका दिया था। जांच में पता चला कि यह फर्म दीप्ति अग्रवाल के नाम पर है लेकिन इसका सारा काम उनके पति आशीष अग्रवाल देखते हैं।
सुरक्षा के नहीं थे इंतजाम
एसएसपी अभिषेक सिंह ने बताया कि आशीष अग्रवाल से पूछताछ की गई तो पता चला कि वे लोग प्रश्नपत्र छपवाने का काम भार्गव प्रेस से कराते हैं। इसके मालिक अरविंद भार्गव हैं। अरविंद से पूछताछ में पता चला कि प्रिन्टिंग का काम इलाहाबाद स्थित बाई का बाग और मोहित्सीन गंज स्थित प्रेसों में कराया जाता है। एसटीएफ ने दोनों प्रिन्टिंग प्रेसों का निरीक्षण किया। वहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं मिले। कर्मचारियों के पास एन्ड्रायड मोबाइल फोन थे जिससे वे लोग आसानी से प्रश्नपत्र की फोटो खींचकर प्रसारित कर सकते थे। इसके अलावा प्रेस में कंप्यूटर व इंटरनेट का भी साधन था जिसके माध्यम से पेपर लीक किए जा सकते हैं।
बिना सुरक्षा के डिलिवरी
जांच में पता चला कि प्रिन्टिंग के बाद प्रश्नपत्रों को परीक्षा केन्द्रों तक पहुंचाने का काम दीप्ति इंटरप्राइजेज के कर्मचारी करते हैं। इस दौरान प्रश्नपत्र के किसी भी लिफाफे को सील नहीं किया जाता था। ऐसे में प्रश्नपत्र ले जाने वाले कैरियर ब्वॉय आसानी से पेपर लीक कर सकते थे। यानी कि प्रकाशन और पैकेजिंग का पूरा काम प्रश्नपत्र की सुरक्षा और गोपनीयता को ताक पर रखकर किया जा रहा था। यह उजागर होने के बाद एसटीएफ के इंस्पेक्टर केसी राय ने दीप्ति इंटरप्राइजेज के कर्ताधर्ता आशीष अग्रवाल और भार्गव प्रेस के मालिक अरविंद भार्गव को गिरफ्तार कर लिया। कौशाम्बी एसपी प्रदीप गुप्ता ने बताया कि दोनों अभियुक्तों को कौशाम्बी पुलिस के सुपुर्द किया गया है।