देवरिया : बिना नाप के जूते, नंगे पैर स्कूल
देवरिया : प्रदेश सरकार की तरफ से परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को निश्शुल्क जूता-मोजा मुहैया कराया गया है, लेकिन अफसरों की लापरवाही से सरकार की मंशा पर पानी फिर रहा है। हालत यह है कि परिषदीय विद्यालयों के बच्चों को जो जूते-मोजे उपलब्ध कराए गए हैं, उनमें करीब 25 फीसद तक बच्चों के पैरों में फिट नहीं बैठ रहे हैं। इसके चलते उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में तमाम बच्चों को बिना जूता-मोजा के विद्यालय पहुंचना पड़ रहा है।
जनपद के 16 विकास खंडों व दो नगर क्षेत्र बरहज व देवरिया में 1877 प्राथमिक विद्यालय व 738 उच्च प्राथमिक विद्यालय हैं। इन विद्यालयों में 229729 बच्चे नामांकित हैं। बीआरसी के माध्यम से बच्चों को जूते व मोजे उपलब्ध कराए गए हैं। अधिकतर विद्यालयों में शत-प्रतिशत जूते व मोजे उपलब्ध कराने का दावा किया जा रहा है, लेकिन हकीकत यह है कि कई जगहों पर नामांकित बच्चों के सापेक्ष कम जूते व मोजे उपलब्ध कराए गए हैं। देवरिया सदर, बैतालपुर, पथरदेवा, तरकुलवा, भाटपाररानी, भटनी, सलेमपुर, बरहज समेत सभी जगहों पर 15 से 25 फीसद बच्चों के नाप के जूते नहीं मिल रहे हैं। कई जगहों पर संख्या से कम जूते व मोजे उपलब्ध कराए गए हैं। जिसके चलते कटौती की जा रही है। इस पर प्रधानाध्यापकों ने नाराजगी जाहिर की है।
भटनी विकास खंड के एबीआरसी जयप्रकाश चौरसिया बताते हैं कि उनके विकास खंड में करीब 12500 बच्चों का नामांकन है, लेकिन उनके यहां करीब 11250 जूते व मोजे उपलब्ध कराए गए हैं। जूते व मोजे कम आने से कटौती करनी पड़ रही है। यही नहीं, यहां जो जूते उपलब्ध कराए गए हैं, उसमें बच्चों के साइज के जूते नहीं मिल रहे हैं। इसकी शिकायत कई प्रधानाध्यापक कर चुके हैं। डिब्बों पर साइज कुछ और अंकित था लेकिन जूते दूसरे साइज के निकले। जिस कंपनी से जूते मंगाए गए थे। वहीं से यह गड़बड़ी की गई, जिससे परेशानी का सामना उठाना पड़ रहा है। खंड शिक्षा अधिकारी देवरिया विनोद त्रिपाठी कहते हैं कि हर जगह से साइज की दिक्कत सामने आ रही है। इसकी वजह है कि हमारे यहां कक्षा एक में सात साल का बच्चा भी पढ़ता है। ऐसे में आयु वर्ग के हिसाब से डिमांड भेजी जाती है। कंपनी से अपने हिसाब से जूते भेजता है।
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यदि कहीं जूते व मोजे कम पहुंचे हैं तो इसकी वजह यह हो सकती है कि डिमांड अप्रैल की छात्रसंख्या के आधार पर भेजी गई और अब छात्रों की संख्या बढ़ गई है। इसे दिखवाया जाएगा। कटौती नहीं की जाएगी। सभी बच्चों को जूते दिए जाएंगे। इसके अलावा यदि साइज की समस्या होगी तो कंपनी से सही साइज के जूते मंगवाए जाएंगे।
-माधव जी तिवारी, बीएसए