महराजगंज : शादी-विवाह में स्कूली वाहनों की बुकिंग हुई तो खैर नहीं, एआरटीओ ने जिविनि व बीएसए को लिखा पत्र, प्रधानाचार्यो व प्रबंधकों को किया निर्देशित
जागरण संवाददाता, महराजगंज: जनपद के विभिन्न स्कूलों, कालेजों के नाम पंजीकृत वाहनों को स्कूल, कालेज प्रबंधन द्वारा शादी-विवाह में प्रयोग किए जाने का मामला प्रकाश में आने पर उप संभागीय परिवहन अधिकारी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अब अगर शादी-विवाह में स्कूली वाहनों की बुकिंग हुई तो खैर नहीं। वाहनों को सीज करते हुए कर वसूली तय है। दरअसल विभाग को प्राइवेट बस आपरेटर्स ने संज्ञान में लाया है कि जनपद के विभिन्न स्कूल, कालेजों के नाम पंजीकृत वाहनों को स्कूल, कालेज प्रबंधन द्वारा छात्र-छात्रओं को लाने- पहुंचाने के बाद वाहनों का प्रयोग शादी-विवाह एवं अन्य उपयोग में बुकिंग कर वाहनों का व्यवसायिक संचालन किया जा रहा है। जिससे एक ओर प्राइवेट बस आपरेटर्स के व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, तो तो दूसरी ओर भिन्न वाहन का संचालन किए जाने पर परमिट शर्तों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। जबकि स्कूल, कालेजों के नाम पंजीकृत वाहनों का उपयोग पूर्णतया छात्र-छात्रओं को लाने पहुंचाने के लिए पंजीकृत कराया गया है। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए उप संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन आरसी भारती ने जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखते हुए अवगत कराया है कि वे स्कूल, कालेजों के प्रबंधक, प्रधानाचार्यों को निर्देशित करें कि संदर्भित वाहनों का उपयोग पूर्णतया स्कूल, कालेज के कार्यों में में प्रयोग करें। अधोहस्ताक्षरी द्वारा मार्ग पर चेकिंग के दौरान संदर्भित वाहन शादी-विवाह में संचालित पाए जाने पर चालान, बंद की कार्रवाई करते हुए वाहन के पंजीयन तिथि से टैक्स का आगणन करते हुए कर की वसूली की जाएगी।जागरण संवाददाता, महराजगंज: जनपद के विभिन्न स्कूलों, कालेजों के नाम पंजीकृत वाहनों को स्कूल, कालेज प्रबंधन द्वारा शादी-विवाह में प्रयोग किए जाने का मामला प्रकाश में आने पर उप संभागीय परिवहन अधिकारी ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। अब अगर शादी-विवाह में स्कूली वाहनों की बुकिंग हुई तो खैर नहीं। वाहनों को सीज करते हुए कर वसूली तय है। दरअसल विभाग को प्राइवेट बस आपरेटर्स ने संज्ञान में लाया है कि जनपद के विभिन्न स्कूल, कालेजों के नाम पंजीकृत वाहनों को स्कूल, कालेज प्रबंधन द्वारा छात्र-छात्रओं को लाने- पहुंचाने के बाद वाहनों का प्रयोग शादी-विवाह एवं अन्य उपयोग में बुकिंग कर वाहनों का व्यवसायिक संचालन किया जा रहा है। जिससे एक ओर प्राइवेट बस आपरेटर्स के व्यवसाय पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, तो तो दूसरी ओर भिन्न वाहन का संचालन किए जाने पर परमिट शर्तों का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। जबकि स्कूल, कालेजों के नाम पंजीकृत वाहनों का उपयोग पूर्णतया छात्र-छात्रओं को लाने पहुंचाने के लिए पंजीकृत कराया गया है। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए उप संभागीय परिवहन अधिकारी प्रशासन आरसी भारती ने जिला विद्यालय निरीक्षक, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखते हुए अवगत कराया है कि वे स्कूल, कालेजों के प्रबंधक, प्रधानाचार्यों को निर्देशित करें कि संदर्भित वाहनों का उपयोग पूर्णतया स्कूल, कालेज के कार्यों में में प्रयोग करें। अधोहस्ताक्षरी द्वारा मार्ग पर चेकिंग के दौरान संदर्भित वाहन शादी-विवाह में संचालित पाए जाने पर चालान, बंद की कार्रवाई करते हुए वाहन के पंजीयन तिथि से टैक्स का आगणन करते हुए कर की वसूली की जाएगी।