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गोरखपुर : एक पहल, जिसने बदल दी दुनिया, प्राथमिक विद्यालय सरैया में अनवरत चलता है स्वच्छता का अभियान

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गोरखपुर : एक पहल, जिसने बदल दी दुनिया, प्राथमिक विद्यालय सरैया में अनवरत चलता है स्वच्छता का अभियान

जागरण संवाददाता, गोरखपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। दोनों का ही जोर स्वच्छ भारत की ओर है। यह सिद्ध है कि स्वच्छता को आदत बना लेने मात्र से कई बीमारियों से स्वत: मुक्ति मिल जाती है और पूरी ऊर्जा सकारात्मक कार्यो में लगती है। सरकार द्वारा तो समय-समय पर स्वच्छता को लेकर अभियान चलाए जाते हैं लेकिन अंग्रेजी माध्यम के प्राथमिक विद्यालय सरैया में यह अभियान अनवरत चल रहा है। विद्यालय की प्रधानाध्यापक द्वारा स्वच्छता को लेकर की गई एक पहल ने बच्चों की दुनिया ही बदल दी है। 1क्या है पहल : विद्यालय की प्रधानाध्यापक अनिता श्रीवास्तव अन्य शिक्षकों के सहयोग से मिशन स्वच्छता के अंतर्गत विद्यालय में बच्चों और उनके अभिभावकों को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन लगातार कर रही हैं। इसी क्रम में स्वच्छ बालक व स्वच्छ बालिका का चुनाव किया जाता है। इसमें उन बच्चों का चयन होता है जो बच्चे पूरे महीने सबसे अधिक अनुशासित रहते हैं, जिनके कपड़े सुव्यवस्थित रहते हैं, स्वच्छता को लेकर जो स्कूल के बाहर भी जागरूक रहते हैं और विद्यालय की स्वच्छता में भी सहयोग करते हैं।1इस पहल के तहत हर महीने ऐसे सर्वश्रेष्ठ छात्र-छात्र का चयन किया जाता है और पुरस्कार के रूप में हाइजिन किट दी जाती है। इसमें नहाने का साबुन, हैंडवाश, शैंपू, पेपर सोप, वाशिंग पाउडर, टूथब्रश, टूथपेस्ट, टंग क्लीनर, कंघी आदि। सामान इतना होता है कि पूरे महीने चल सके। 1खूब हुआ असर : स्वच्छता की दिशा में किए गए इस कदम का खूब असर पड़ा है। विद्यालय के बच्चों को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यहां के बच्चों में बेहतर ढंग से रहने की होड़ मची रहती है। सभी मिलकर विद्यालय की साफ-सफाई में भी सहयोग करते हैं। बच्चों के माता-पिता को भी स्वच्छता के बारे में जागरूक किया जाता है। स्कूल में ही हैंडवाश बनाया जाता है व बोतल में भरकर उसे प्रयोग किया जाता है। कक्षा एक एवं दो के बच्चों को अच्छे से ड्रेस पहनने पर टॉफी देकर प्रोत्साहित किया जाता है।1जागरण संवाददाता, गोरखपुर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हों या मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ। दोनों का ही जोर स्वच्छ भारत की ओर है। यह सिद्ध है कि स्वच्छता को आदत बना लेने मात्र से कई बीमारियों से स्वत: मुक्ति मिल जाती है और पूरी ऊर्जा सकारात्मक कार्यो में लगती है। सरकार द्वारा तो समय-समय पर स्वच्छता को लेकर अभियान चलाए जाते हैं लेकिन अंग्रेजी माध्यम के प्राथमिक विद्यालय सरैया में यह अभियान अनवरत चल रहा है। विद्यालय की प्रधानाध्यापक द्वारा स्वच्छता को लेकर की गई एक पहल ने बच्चों की दुनिया ही बदल दी है। 1क्या है पहल : विद्यालय की प्रधानाध्यापक अनिता श्रीवास्तव अन्य शिक्षकों के सहयोग से मिशन स्वच्छता के अंतर्गत विद्यालय में बच्चों और उनके अभिभावकों को जागरूक करने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन लगातार कर रही हैं। इसी क्रम में स्वच्छ बालक व स्वच्छ बालिका का चुनाव किया जाता है। इसमें उन बच्चों का चयन होता है जो बच्चे पूरे महीने सबसे अधिक अनुशासित रहते हैं, जिनके कपड़े सुव्यवस्थित रहते हैं, स्वच्छता को लेकर जो स्कूल के बाहर भी जागरूक रहते हैं और विद्यालय की स्वच्छता में भी सहयोग करते हैं।1इस पहल के तहत हर महीने ऐसे सर्वश्रेष्ठ छात्र-छात्र का चयन किया जाता है और पुरस्कार के रूप में हाइजिन किट दी जाती है। इसमें नहाने का साबुन, हैंडवाश, शैंपू, पेपर सोप, वाशिंग पाउडर, टूथब्रश, टूथपेस्ट, टंग क्लीनर, कंघी आदि। सामान इतना होता है कि पूरे महीने चल सके। 1खूब हुआ असर : स्वच्छता की दिशा में किए गए इस कदम का खूब असर पड़ा है। विद्यालय के बच्चों को देखकर इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यहां के बच्चों में बेहतर ढंग से रहने की होड़ मची रहती है। सभी मिलकर विद्यालय की साफ-सफाई में भी सहयोग करते हैं। बच्चों के माता-पिता को भी स्वच्छता के बारे में जागरूक किया जाता है। स्कूल में ही हैंडवाश बनाया जाता है व बोतल में भरकर उसे प्रयोग किया जाता है। कक्षा एक एवं दो के बच्चों को अच्छे से ड्रेस पहनने पर टॉफी देकर प्रोत्साहित किया जाता है।1स्वच्छता में अव्वल छात्रओं को हाइजिन किट देतीं प्रधानाध्यापक अनिता श्रीवास्तव ’ जागरणस्वच्छता मिशन को लेकर हाइजिन किट का प्रयोग काफी सफल रहा है। इसके परिणाम काफी बेहतर हैं, बच्चों की आदतों में निरंतर सुधार नजर आ रहा है।1अनिता श्रीवास्तव, प्रधानाध्यापक, प्राथमिक विद्यालय सरैया (अंग्रेजी माध्यम)

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