संस्कृत विवि का फर्जी अंक पत्र लगाने वाले दो शिक्षकों की सेवा समाप्त, रिकवरी का आदेश
आजमगढ में बेसिक शिक्षा विभाग की आंखों में धूल झोंककर फर्जी दस्तावेजों पर नौकरी कर रहे दो सहायक अध्यापकों की सेवा शुक्रवार को आखिरकार समाप्त कर दी गई। ...
आजमगढ़ [जयप्रकाश निषाद] । बेसिक शिक्षा विभाग के फर्जीवाड़े के बोतल से दो जिन्न फिर बाहर निकला है। शिक्षा विभाग की आंख में धूल झोंककर फर्जी रूप से नौकरी कर रहे दो सहायक अध्यापकों की सेवा शुक्रवार को समाप्त कर दी गई है। जिन दो शिक्षकों की सेवा समाप्त की गई है उसमें पवई विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय सलारपुर के सहायक अध्यापक अरविंद राय पुत्र अवध नरायन राय तथा मोहम्मदपुर विकास खंड के प्राथमिक विद्यालय ईश्वरपुर पर तैनात सहायक अध्यापक कुसुमलता राय पुत्री शिवकुमार राय शामिल हैं।
अरविंद राय मूल रूप से तहबरपुर थाना क्षेत्र के मधसिया गांव के रहने वाले हैं जबकि कुसुमलता राय फूलपुर तहसील के धर्मदासपुर गांव की रहने वाली हैं। बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय द्वारा अरविंद कुमार द्वारा प्रस्तुत किए गए प्रमाण पत्र में पूर्व मध्यमा के अंक पत्र अनुक्रमांक 30111 वर्ष 1999 के सत्यापन हेतु 28 जुलाई 2014 को सम्पूर्णानंद संस्कृत विवि वाराणसी के उप कुलसचिव को भेजा गया था। यह रिपोर्ट उप कुलसचिव द्वारा 9 दिसंबर 2014 को बीएसए कार्यालय को उपलब्ध कराई। जांच में पता चला कि अरविंद राय के रोल नंबर पर किसी दूसरे छात्र का नाम है। इस आधार पर प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया।
इसी प्रकार सहायक अध्यापक कुसुमलता राय ने पूर्व मध्यमा के अंक पत्र अनुक्रमांक 30113 वर्ष 1999 के सत्यापन के लिए 28 जुलाई 2014 को संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय वाराणसी के उप कुल सचिव को भेजा गया था। 9 दिसंबर 2014 को रिपोर्ट प्रस्तुत की गई कि निर्धारित रोल नंबर पर किसी अन्य छात्र का नाम है। इसलिए कुसमलता की डिग्री भी फर्जी है। किसी भी कीमत पर फर्जी अंक पत्र लगाकर सहायक अध्यापक बनने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सभी फर्जी सहायक अध्यापकों की एक-एक जांच कर नियुक्ति निरस्त की जाएगी। अरविंद राय व कुसमलता राय की डिग्री फर्जी पाए जाने पर नियुक्ति निरस्त कर दी गई है। इसके साथ ही रिकवरी की कार्रवाई भी होगी।
- देवेंद्र कुमार पांडेय, बेसिक शिक्षा अधिकारी आजमगढ़।