इलाहाबाद : चिकित्सीय अवकाश दर्ज किए बिना शिक्षकों को पूरा भुगतान, बीईओ की मनमानी की शासन तक ढेरों शिकायतें
प्रयागराज : जिलों में विकासखंड स्तर पर शैक्षिक गतिविधियों को संचालित करने वाले खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) ही मनमानी कर रहे हैं। स्कूलों के निरीक्षण, अवकाश स्वीकृत करने आदि में अनियमितताओं की शिकायतें शासन स्तर तक पहुंची हैं। प्रदेश के सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे त्वरित कार्रवाई करके अवगत कराएं, अन्यथा शासन जल्द ही कठोरतम कार्रवाई करेगा।
ब्लाक स्तर पर प्राथमिक व उच्च प्राथमिक स्कूलों की हर गतिविधि का जिम्मा खंड शिक्षा अधिकारियों पर ही है। इधर शासन को शिकायतें मिली हैं कि स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के सेवा अभिलेख, उनकी स्कूलों में हर माह की भौतिक उपस्थिति और उपस्थिति पंजिका का मिलान करके वेतन भुगतान की कार्यवाही नियमानुसार नहीं की जा रही है। शासन के विशेष सचिव आनंद कुमार सिंह ने लिखा है कि जिलों में अनेकों अमान्य स्कूल संचालित हो रहे हैं, कई ऐसे स्कूल भी हैं, जिनकी मान्यता के लिए शासन के निर्धारित मानक के अनुरूप जांच आख्या लगाई गई है, किंतु स्थलीय निरीक्षण में स्थितियां विपरीत हैं। कार्यरत शिक्षकों की सेवा पंजिका, उपस्थित पंजिका, लॉक बुक और वेतन बिल पंजिका का मिलान करने पर पाया जा रहा है कि कई शिक्षकों के चिकित्सीय अवकाश पर के बाद बगैर चिकित्सीय अवकाश स्वीकृत किए पूरे माह का वेतन निर्गत किया है। चिकित्सीय अवकाशों को उनकी सेवा पंजिका में अंकित तक नहीं किया जा रहा है। कई शिक्षकों के अवैतनिक अवकाश पर होने के बाद भी संबंधित शिक्षकों को उस अवधि का पूरा वेतन आहरित करा दिया है। कई शिक्षक व शिक्षिकाएं ऐसी भी हैं, जो अनियमित रूप से विद्यालय आते हैं उनके अनुपस्थित अवधि के हस्ताक्षर तक करा लिए जा रहे हैं। विशेष सचिव ने बीएसए को लिखा है कि खंड शिक्षा अधिकारियों के अनियमित कृत्यों को शासन ने गंभीरता से लिया है। ऐसे मामलों पर प्रभावी रोक लगाने के लिए जिलों में त्वरित गति से कार्रवाई की जाए और कार्रवाई से शासन को अवगत कराया जाए, अन्यथा शासन आगे कठोर कार्रवाई करेगा।