नई नीति से शिक्षा माफिया में खलबली
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : बोर्ड परीक्षा में नकल कारोबार से अकूत संपत्ति अर्जित करने व शि...
जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद : बोर्ड परीक्षा में नकल कारोबार से अकूत संपत्ति अर्जित करने व शिक्षण संस्थाओं का जाल बिछा लेने वाले शिक्षा माफिया में केंद्र निर्धारण की नई नीति से खलबली मची। प्रत्येक परीक्षा कक्ष में वायस रिकार्डर युक्त सीसी कैमरे की अनिवार्यता से धड़कने बढ़ी हैं। इसके साथ ही 30 दिन तक कैमरे की रिकार्डिंग सुरक्षित रखी जाएगी।
यूपी बोर्ड परीक्षा में जिले के नकल कारोबार की ख्याति दूर-दूर तक रही। किसी समय दूसरे प्रदेशों के लोग भी परीक्षा देने आते थे। कुछ को तो बिना आए ही परीक्षा पास करा दी जाती थी। राजेपुर व मोहम्मदाबाद ब्लाक के दो कालेजों से तीन सांसदों के नाम से हाईस्कूल परीक्षा फार्म भराने, उनके स्थान पर किसी अन्य को परीक्षा दिलाकर पास हो जाने का स्ट्रिंग ऑपरेशन भी हो चुका। गत वर्ष सीसी कैमरे की निगरानी में परीक्षा हुई। प्रत्येक पेपर में स्टेटिक मजिस्ट्रेट भी तैनात किए गए। इसके बावजूद शिक्षा माफिया के केंद्रों पर बरामदे के जंगलों व परीक्षा कक्ष के गेट के पास खड़े होकर बोल-बोलकर नकल कराई गई। यह शिकायतें शासन तक पहुंचीं तो 2019 की बोर्ड परीक्षा के लिए कई नए निर्देश जोड़ दिए गए। अपर मुख्य सचिव की ओर से जारी शासनादेश में हर परीक्षा कक्ष में आडियो रिकार्डिंग वाला कैमरा लगाया जाना अनिवार्य किया गया। परीक्षा केंद्र निर्धारण के लिए विद्यालयवार तैयार होने वाली मेरिट में इसके लिए 40 अंक जुड़ेंगे। मुख्य गेट पर भी कैमरा होने पर 10 अंक और मिलेंगे। कंप्यूटर सिस्टम, जेनरेटर सहित कुल 19 सुविधाओं के लिए अलग-अलग अंक निर्धारित हैं। छात्र संख्या के अनुरूप जितने केंद्रों की आवश्यकता होगी, ऊपर की मेरिट वाले उतने केंद्रों का चयन कर लिया जाएगा। फिर बदल सकती हैं कापियां
सी¨लग पै¨कग वाले कमरे में कैमरा होने पर 10 अंक जुड़ेंगे, लेकिन इस कमरे में कैमरे की अनिवार्यता नहीं की गई। इससे गत वर्ष की तरह इस बार भी कुछ केंद्रों पर बाहर से लिखी कापियां बदल सकती हैं। डीआइओएस कमलेश बाबू का कहना है कि केंद्र निर्धारण नीति प्राप्त हो गई है। इस बार परीक्षा की व्यवस्थाएं और भी कड़ी होंगी ।