14 वर्षों के आंकड़े बता रहे सरकारी स्कूलों का ककहरा
सीतापुर : बेसिक शिक्षा विभाग के विद्यालयों में ककहरा पढ़ने के लिए प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। ऐसा क्यों है, इस विषय पर शिक्षा परिषद के उच्चाधिकारियों ने मंथन शुरू कर दिया है। प्रारंभिक तौर पर शिक्षा निदेशक ने बीएसए से प्रवेश लेने वाले बच्चों की कम संख्या का कारण पूछा है। अधिकारियों ने पिछले दिनों यू-डॉयस पर मौजूद 14 वर्षों के डाटा का गहन परीक्षण किया है, जिसमें प्रत्येक वर्ष परिषदीय विद्यालयों में नामांकन की गिरावट होने की बात सामने आई है। स्कूलों में घट रहे बच्चे
शिक्षा निदेशक द्वारा बीएसए को वर्ष 2004 से 2017 तक प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में पंजीकृत हुए बच्चों का वर्ष वार आंकड़ा दिया है। इस आंकड़े पर गौर करें तो जिले में वर्ष 2004 से 2017 तक प्राथमिक विद्यालयों में वर्ष 2008 में 5.51 लाख बच्चों ने स्कूल में प्रवेश लिया था। इसके बाद प्राथमिक स्कूलों में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या में लगातार गिरावट ही आती रही। वर्ष 2015 के मुकाबले वर्ष 2016 में प्रवेश लेने वाले बच्चों की संख्या में 27,891 की गिरावट आई। फिर वर्ष 2016 के मुकाबले वर्ष 2017 में पंजीकृत होने वाले बच्चों में 4,002 नौनिहाल कम हो गए।
2017 के पंजीयन में बढ़े 3 हजार बच्चे
आंकड़ों के मुताबिक पूर्व माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2004 से 2017 तक के बीच में सबसे अधिक 1.36 लाख बच्चों के प्रवेश हुए थे। फिर अगले सत्रों में बच्चों के पंजीकरण में गिरावट आती रही। वर्ष 2015 के मुकाबले वर्ष 2016 में बच्चों के पंजीकरण में 13,266 बच्चों की कमी आई। इसके बाद वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2017 में पंजीकृत बच्चों की संख्या में 3,066 नौनिहालों की वृद्धि हुई है। प्राइमरी में पंजीकरण
वर्ष - बच्चों के पंजीयन
2008 - 551199
2009 - 535510
2010 - 500331
2011 - 511244
2012 - 465534
2013 - 428369
2014 - 415428
2015 - 415514
2016 - 387623
2017 - 383621 उच्च प्राइमरी में पंजीकरण
वर्ष - बच्चों के पंजीयन
2009 - 121022
2010 - 124117
2011 - 126996
2012 - 136087
2013 - 129658
2014 - 120458
2015 - 123905
2016 - 110639
2017 - 113705
आंकड़ों में देखा जाए तो पिछले कुछ वर्षों में पंजीयन की संख्या में गिरावट जरुर आई है, पर ऐसा नहीं है कि स्कूलों में शिक्षा का स्तर कमजोर हुआ है।
- अजय कुमार, बीएसए