परिषदीय शिक्षक तलाशेंगे निरक्षर पुरुष व महिलाएं
भूपेंद्र पांडेय, श्रावस्ती : आकांक्षी जिलों की साक्षरता दर दुरुस्त करने के लिए 15 वर्ष से अधिक आ...
भूपेंद्र पांडेय, श्रावस्ती : आकांक्षी जिलों की साक्षरता दर दुरुस्त करने के लिए 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के पुरुष व महिलाओं को साक्षर बनाया जाएगा। इसके लिए ग्राम पंचायतवार निरक्षर लोगों की तलाश की जाएगी। परिषदीय विद्यालयों के शिक्षकों को यह जिम्मेदारी दी गई है। सर्वे कर शिक्षक अपनी रिपोर्ट बीएसए कार्यालय को देंगे।
शिक्षा स्तर के मामले में श्रावस्ती की स्थिति काफी खराब है। यहां की औसत साक्षरता दर मात्र 49.13 प्रतिशत है। इसमें पुरुष साक्षरता 59.55 प्रतिशत तथा महिला साक्षरता 37.07 प्रतिशत है। यहां बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिन्होंने कभी स्कूल का मुंह तक नहीं देखा। इनमें महिलाओं की संख्या सबसे अधिक है। स्थिति को दुरुस्त करने के लिए अनौपचारिक शिक्षा व साक्षरता कार्यक्रम चलाया गया। इसके बाद भी तस्वीर धुंधली ही रही। श्रावस्ती समेत प्रदेश के आठ आकाक्षी जिलों में साक्षरता दर बढ़ाने के लिए नए सिरे से प्रयास शुरू हुए हैं। इसके तहत ग्राम पंचायत के सभी मजरों में कुल निरक्षर पुरुष व महिलाओं का डाटा तैयार किया जाएगा। ग्राम पंचायत के संबंधित मजरे में तैनात परिषदीय शिक्षक को यह जिम्मेदारी दी गई है। सर्वे पूरा होने के बाद रिपोर्ट बीएसए के माध्यम से शासन को भेजी जाएगी। आंकड़े एकत्र होने के बाद ग्राम पंचायत वार साक्षरता के नए कार्यक्रम शुरू होंगे।
ये हैं आकांक्षी जिले
नीति आयोग ने शिक्षा व स्वास्थ्य समेत विभिन्न मानकों पर अति पिछड़े प्रदेश के आठ जिलों को आकांक्षी जनपद घोषित किया है। इसमें श्रावस्ती के अलावा सोनभद्र, चित्रकूट, बलरामपुर, बहराइच, सिद्धार्थनगर, चंदौली व फतेहपुर जिला शामिल है। शासन से मिले निर्देश के क्रम में सर्वे शुरू करवा दिया गया है। 30 नवंबर तक रिपोर्ट ले ली जाएगी। पूरे जिले में 15 वर्ष से अधिक आयु के निरक्षर पुरुष व महिलाओं का ब्योरा एकत्र होने के बाद इसे शासन को भेजा जाएगा।
-ओमकार राणा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, श्रावस्ती।