हम शपथ लेते हैं, नहीं जलाएंगे तेज आवाज वाले पटाखे
बुराई पर अ'छाई की जीत के रूप में मनाए जाने वाले प्रकाश पर्व दीपावली के दौरान खुशियां मनाने के लिए पटाखे छोड़ने की परंपरा तेजी से विकसित हुई। इससे न सिर्फ धन का अपव्यय होता है। घटनाओं के साथ नुकसानदायक गैसों के हवा में घुलने से पर्यावरण को क्षति भी होती है। शनिवार को प्राथमिक विद्यालय गोला रगड़गंज के ब'चों को तेज आवाज के पटाखों से दूरी बनाने का संकल्प दिलाया गया।...
संतकबीर नगर : बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाए जाने वाले प्रकाश पर्व दीपावली के दौरान खुशियां मनाने के लिए पटाखे छोड़ने की परंपरा तेजी से विकसित हुई। इससे न सिर्फ धन का अपव्यय होता है। घटनाओं के साथ नुकसानदायक गैसों के हवा में घुलने से पर्यावरण को क्षति भी होती है। शनिवार को प्राथमिक विद्यालय गोला रगड़गंज के बच्चों को तेज आवाज के पटाखों से दूरी बनाने का संकल्प दिलाया गया।
प्रार्थना के बाद प्रधानाध्यापक सुभद्रा ¨सह ने कहा कि दीपावली मनाने के पीछे अनेक प्रकार की धारणाएं प्रचलित हैं। विद्या, धन और परिवार में खुशियों के लिए लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। बदलते परिवेश में त्योहार मनाने के दौरान पटाखे आदि का प्रयोग करने का चलन काफी बढ़ गया है जिससे निकलने वाली गैसों से पर्यावरण को नुकसान होता है। तेज धमाके का आनंद पाने के लिए बड़े पटाखों का प्रयोग करने के दौरान कभी-कभी दुर्घटनाएं भी हो जाती हैं। उन्होंने दीप जलाने के साथ ही परिवार के लोगों के साथ मिल बैठकर दीपावली मनाने को सबसे उत्तम तरीका बताया।
यहां बच्चों ने तेज आवाज के पटाखों को न फोड़ने का संकल्प लिया। शिक्षिकाओं ने संकल्प का पालन कर घर में मिट्टी के दीये जलाने एवं अन्य को भी प्रेरित करने की सीख दी।
इस मौके पर प्रबंध समिति अध्यक्ष मनोज कुमार, ¨पटू गुप्ता, विनीता, मेनका चौरसिया, सौम्या गुप्ता,
प्रशिक्षु अल्का द्विवेदी, सोनल गुप्ता, सूरज पटेल, कमलेश चौहान, पूजा, शकुंतला, इंद्रावती, पूनम शर्मा आदि मौजूद रहे।