बीस साल बाद निकला फर्जी नियुक्ति का जिन्न
स्थानीय श्री नारंग संस्कृत महाविद्यालय में आधादर्जन शिक्षकों सहित दो परिचर की फर्जी नियुक्ति का जिन 20 साल बाद एक बार फिर से बाहर आ गया है। जालसाजी के बल पर नौकरी पाये अधिकांश शिक्षक 20 साल से शिक्षण कार्य में लगे थे।...
महराजगंज: स्थानीय श्री नारंग संस्कृत महाविद्यालय में आधादर्जन शिक्षकों सहित दो परिचर की फर्जी नियुक्ति का जिन 20 साल बाद एक बार फिर से बाहर आ गया है। जालसाजी के बल पर नौकरी पाये अधिकांश शिक्षक 20 साल से शिक्षण कार्य में लगे थे। पूरे प्रकरण को संज्ञान में लेते हुए जिला विद्यालय निरीक्षक के निर्देश पर प्रबंधक सहित 10 आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर पुलिस आरोपियों की तलाश में लगी है। वर्ष 1995 में छह शिक्षक व दो परिचारक के पद पर कुल आठ लोगों की प्रबंधतंत्र द्वारा नियुक्ति की गई थी। वर्ष 1998 में भुवना ग्रामसभा निवासी एक व्यक्ति ने प्रबंधक चंद्रशेखर पाण्डेय व तत्कालीन प्राचार्य मधुसूदन त्रिपाठी पर फर्जी तौर पर नियुक्ति करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज करायी थी । जिसपर संपूर्णानंद विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा जांच बैठाई गई। जिसमें पाया गया कि ये सारी नियुक्तियां कूटरचित ढंग से बिना पद सृजन के की गई हैं । जिसपर कार्यवाही करते हुए विश्वविद्यालय के तत्कालीन रजिस्ट्रार द्वारा आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कानूनी कार्यवाही का निर्देश दिया गया।जिसके परिपालन में फर्जी तरीके से नियुक्त शिक्षकों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर कार्यवाही को आगे बढ़ाया गया । उसी दौरान विद्यालय के प्रबंधक व प्राचार्य ने उच्च न्यायालय से स्टे प्राप्त कर लिया। न्यायालय में लंबित होने की स्थिति में शिक्षक विद्यालय में डटे रहे। पूरा प्रकरण जिला विद्यालय निरीक्षक के संज्ञान में आया तो शिक्षा महकमे में भूचाल सा आ गया। इस संबंध में जिला विद्यालय निरीक्षक ने बताया कि प्रबंधक सहित 10 आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कराया गया है , आगे विधिक कार्रवाई की जाएगी।