लखनऊ : प्रदेश के शिक्षामित्रों के मामले पर अहम फैसला जल्द ! शासन में सुगबुगाहट तेज, कई राज्यों से मंगाए गए शासनादेश
लखनऊ (एसएनबी)। प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में अध्यापन करने वाले शिक्षामित्रों को लेकर योगी सरकार जल्द ही कोई अहम निर्णय ले सकती है। सोमवार को शासन में इसको लेकर अफसरों की एक बैठक भी हुई, इसमें अपर मुख्य सचिव प्रभात कुमार के साथ दूसरे अफसर शामिल थे। इसी बैठक में शिक्षामित्रों को लेकर दूसरे राज्यों में समायोजन को लेकर जारी शासनादेशों को मंगाकर अध्ययन करने के निर्देश दिये गये।
सूत्रों का कहना है कि 18 नवम्बर को यूपीटीईटी की परीक्षा होनी है, इसके बाद योगी सरकार शिक्षामित्रों के भविष्य को सुरक्षित करने को फैसला ले सकती है। हालांकि शासन के आला अफसर अभी भी इसको लेकर खामोशी बनाये हैं। 2017 में जुलाई में सुप्रीम कोर्ट ने सूबे के परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक पद पर समायोजित शिक्षामित्रों के समायोजन को निरस्त कर दिया था, इसके बाद ही शिक्षामित्र आंदोलित हैं।योगी सरकार ने शिक्षामित्रों की समस्याओं के स्थायी निदान के लिए उप मुख्यमंत्री डा. दिनेश शर्मा की अध्यक्षता में उच्चाधिकार समिति का गठन किया,जिसकी रिपोर्ट भी मुख्यमंत्री कार्यालय को सौंपी जा चुकी है।
शिक्षामित्रों को उम्मीद थी कि हाईपावर कमेटी की रिपोर्ट के बाद दीपावली पर उनके भविष्य को संवारने का सरकार निर्णय ले सकती है, लेकिन जब कोई निर्णय नहीं हो पाया। अब एक बार फिर उनके भविष्य को लेकर शासन में सुगबुगाहट तेज हो गयी है और छत्तीसगढ़, हरियाणा या फिर महाराष्ट्र के माडल पर सरकार यहां भी अहम कदम उठा सकती है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश के सरकारी स्कूलों में 1.70 लाख शिक्षामित्रों की तैनाती की गयी थी, लेकिन अब उनकी संख्या घट चुकी है और 1.34 लाख समायोजित शिक्षामित्रों को मिलाकर सूबे में डेढ़ लाख शिक्षामित्र ही बचे हैं।