सोशल मीडिया पर छाए टीईटी के डेढ़ दर्जन प्रश्न
आजमगढ़ : शिक्षक पात्रता प्रवेश परीक्षा (टीईटी) के डेढ़ दर्जन से अधिक प्रश्न-उत्तर को लेकर परीक्षार्थियों ने आपत्ति जताई है। इसे लेकर चारों तरफ बहस छिड़ गई है। सोशल मीडिया व वाट्सअप पर तो छात्र प्रश्न-उत्तर से संबंधित सवाल जवाब दिए जा रहे हैं। परीक्षा नियामक की तरफ से हुई इन त्रुटियों को लेकर आने वाले रिजल्ट को लेकर परीक्षार्थी उहापोह में है। इन आपत्तिजनक प्रश्न उत्तर को लेकर किस तरह से परीक्षा नियामक रिजल्ट निकालेगा, इसे लेकर परीक्षार्थियों की सांसे भी फूल रही हैं। परीक्षार्थियों का कहना है कि परीक्षा नियामक प्राधिकार के पास यह मामला उठाया जाएगा। ताकि रिजल्ट को लेकर दिक्कत न हो।...
आजमगढ़ : शिक्षक पात्रता प्रवेश परीक्षा (टीईटी) संपन्न हो चुकी है। रिजल्ट जब भी फिलहाल परीक्षा में आए डेढ़ दर्जन से अधिक प्रश्नों के विकल्प में आए चार उत्तर सोशल मीडिया पर छाए हुए हैं। छात्रों का कहना है कि उत्तर ही गलत दिया है। वहीं कुछ का मानना है कि सही है।
बहरहाल, परीक्षा नियामक प्राधिकरण इस पर क्या फैसला लेता यह तो भविष्य की बात है फिलहाल बहुतायत छात्रों का दावा है कि सवाल गलत पूछे गए हैं। इसमें मुख्य तौर पर द्वितीय पाली के प्रश्न पत्र में 'पेड़-पौधे हमें क्या नहीं देते हैं?'। इसका पहला उत्तर हरियाली, दूसरा भोजन, तीसरा ऑक्सीजन व चौथा जल है। परीक्षा देने वालों का कहना है कि ऐसे में चारों उत्तर सही है। इसमें कोई उत्तर गलत नहीं है। कुछ का कहना है कि भोजन। उनके अलग तर्क हैं। इसी प्रकार पीने के लिए सुरक्षित पानी को क्या कहते है?। इसमें उत्तर दिया गया है कि पीने योग्य पानी, आसुत जल, ताजा जल, नल का पानी है। इसमें भी सभी सही उत्तर है। समावेशी कक्षा में किस प्रकार के छात्र-छात्राएं सम्मिलित होती हैं? परीक्षा नियामक का मानना है कि केवल विशिष्ट छात्र लेकिन परीक्षार्थियों का मानना है कि सामान्य व विशिष्ट दोनों सही है। निम्न में से कौन-सा संवेग का तत्व नहीं है? अभिप्रेरणा का प्रत्याशा सिद्धांत किसके द्वारा दिया गया है? निम्न में से कौन सा शिक्षण सूत्र नहीं है? इसमें भी गड़बड़ी की बात है। इसी तरह डेढ़ दर्जन प्रश्न पत्र व उत्तर में त्रुटियां बताई जा रही हैं। सोशल मीडिया पर बहस जारी है। पटाक्षेप लेने का नाम नहीं ले रहा है। अब इसको लेकर परीक्षा नियामक कैसे रिजल्ट निकालेगा, इसे लेकर परीक्षार्थियों की सांसे अटकी है। परीक्षार्थियों का कहना है कि परीक्षा नियामक प्राधिकार के पास यह मामला उठाया जाएगा ताकि रिजल्ट को लेकर दिक्कत न हो। इन सवालों पर विवाद
-समावेशी कक्षा में किस प्रकार के छात्र-छात्राएं शामिल होते हैं?
-निम्न में कौन-सा संवेग का तत्व नहीं है?
-अभिप्रेरण का प्रत्याशा सिद्धांत किसके द्वारा दिया गया है?-सा शिक्षण का सूत्र नहीं है?
-गिरोह अवस्था किस आयु वर्ग ?
-कौन सा शब्द भिन्न अर्थ और प्रकृति का है?
-संप्रेक्षण कला क्या नहीं है?
-तद्भव और तत्सम का कौन सा मेल गलत है? आदि। ''परीक्षा नियामक को प्रश्न पत्र बनाते समय ध्यान देना चाहिए। टीईटी में पूछे गए प्रश्न व उत्तर वास्तव में छात्रों को चकरा दे रहे हैं। इससे छात्रों के हौसले पस्त होते हैं। पेपर बनाते समय विशेष ध्यान देने की जरूरत है। इससे रिजल्ट भी प्रभावित होता है।''
-डा. बीके ¨सह, असिस्टेंट प्रोफेसर दर्शन शास्त्र विभाग, शिब्ली नेशनल पीजी कालेज।