अनभिज्ञ गुरुजी, अंधकार में भविष्य
परिषदीय स्कूलों के बच्चों को महापुरुषों के बारे में गलत जानकारी पढ़ाई जा रही है। हिंदी से लेकर भूगोल और विज्ञान तक की किताबों में गलतियां हैं।...
मैनपुरी: महापुरुषों के जीवन से बच्चे प्रेरणा लें। इसके लिए शासन ने परिषदीय स्कूलों के पाठ्यक्रम में उनकी जीवनी शामिल की। परंतु बच्चों को जो किताबें दी गईं, उनमें बडे़ पैमाने पर गलत जानकारियां हैं। विभाग ने तो गलती की ही अब शिक्षक भी यही गलत ज्ञान बच्चों को दे रहे हैं। परिषदीय विद्यालयों में बच्चों को दी गईं ¨हदी ही नहीं, विज्ञान और भूगोल तक की किताबों में दर्जनों गलत जानकारियां दी गई हैं। मंजरी का तो अलग ही है मंजर
बच्चों को ¨हदी पढ़ाने के लिए मंजरी पुस्तक का प्रयोग किया जा रहा है। कक्षा छह की मंजरी में पाठ संख्या 21 में भारत रत्न स्व. अटल जी की कविता 'आओ फिर से दिया जलाएं' के पेज नंबर 113 में उनका जन्मदिन दो दिसंबर 1924 पढ़ाया जा रहा है जबकि जन्म 25 दिसंबर 1924 को हुआ था। इसी कक्षा में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कन्हैया लाल मिश्र की जन्मतिथि 29 मई 1961 छपी है। उनका जन्म 29 मई 1906 को हुआ था। कक्षा सात की मंजरी के पेज नंबर 11 में पाठ संख्या एक 'जागो जीवन के प्रभात' में साहित्यकार जयशंकर प्रसाद के निधन की तिथि 14 जनवरी 1937 पढ़ाकर परीक्षा भी करा दी। उनका निधन 15 नवंबर 1937 को हुआ था। तुलसीदास के जन्म में भी संशय
कक्षा पांच की किताब कलरव के पेज नंबर 80 पाठ संख्या 14 'भक्ति नीति माधुरी' में तुलसीदास का जन्म 1532 में बांदा जिले के राजपुर गांव में पढ़ाया जा रहा है। वहीं कक्षा सात की मंजरी में पेज नंबर 39 पर तुलसीदास का जन्म 1511 में सोरों कासगंज, एटा पढ़ाया जा रहा है। महाराष्ट्र की राजधानी महाराष्ट्र
कक्षा चार की पुस्तक हमारा परिवेश में पेज नंबर 56 के पाठ 11 में महाराष्ट्र की राजधानी महाराष्ट्र पढ़ाई जा रही है। हालांकि महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई है। कक्षा पांच की इसी किताब में पेज नंबर 46 पर मैती आंदोलन का जिक्र है। आंदोलन की जगह उत्तरांचल बताई जा रही है। उत्तरांचल का नाम 2007 में ही बदलकर उत्तराखंड कर दिया गया है। वहीं पेज नंबर 69 में इस आंदोलन का स्थान उत्तराखंड ही पढ़ाया जा रहा है। बारदौली सत्याग्रह की बदली तारीख
कक्षा पांच की ईवीएस की किताब हमारा परिवेश में भी तमाम गलतियां हैं। पेज नंबर 102 पर पाठ 17 में सरदार बल्लभभाई पटेल के नेतृत्व में गुजरात में हुए किसान आंदोलन को 1918 में होना पढ़ाया जा रहा है। यह आंदोलन 1928 में हुआ था। इसे बारदौली सत्याग्रह आंदोलन के नाम से जानते हैं। किताबों में गलतियों के संबंध में विभाग को पत्र भेजा जा रहा है। स्थानीय स्तर पर शिक्षकों को जानकारी देकर बच्चों को सही तथ्य समझाए जाएंगे।
विजय प्रताप ¨सह, बीएसए