नई दिल्ली : EPF, PPF और GPF के बीच अंतर जानते हैं आप, जानिए इन पर मिलने वाले फायदों के बारे में
कोई भी व्यक्ति ऐच्छिक रूप से जिस संचित निधि में निवेश कर सकता है, उसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) कहा जाता है...
नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। आप नौकरीपेशा हों या फिर सामान्य नागरिक आपने पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) का नाम जरूर सुना होगा। भविष्य की जरूरतों के लिहाज से तीन स्कीमें प्रमुखता से सामने आती हैं। ईपीएफ, पीपीएफ और जीपीएफ। आम तौर पर एक जैसा साउंड करने वाली ये तीनों स्कीमों को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है, लेकिन ये तीनों स्कीम एकदम अलग अलग है और इनके फायदे भी अलग-अलग होते हैं। हम अपनी इस खबर के माध्यम से आपको इसी के बारे में बताने की कोशिश करेंगे।
पीपीएफ: कोई भी व्यक्ति ऐच्छिक रूप से जिस संचित निधि में निवेश कर सकता है, उसे पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) कहा जाता है। पीपीएफ खाता खुलवाने के लिए आपका नौकरीपेशा होना जरूरी नहीं है। यह एक तरह से रिटायरमेंट सेविंग प्लान होता है जो कि मैच्योरिटी के बाद फायदा देता है। इसमें ब्याज का आकलन सालाना आधार पर किया जाता है। वहीं इसमें एक वित्त वर्ष के भीतर न्यूनतम 500 रुपये और अधिकतम 1,50,000 रुपये का ही निवेश किया जा सकता है। इस निवेश को एकमुश्त या फिर 12 किश्तों में जमा किया जा सकता है। पीपीएफ पर वर्तमान समय में 8 फीसद की दर से ब्याज मिल रहा है।
ईपीएफ: संगठित व असंगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों के लिए संचित निधि की जो व्यवस्था है, उसको एम्प्लॉयीजप्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) कहा जाता है। इसमें नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान होता है। एम्प्लॉई प्रोविडेंट फंड (ईपीएफ) को कर्मचारी भविष्य निधि भी कहते हैं, यह वो पैसा होता है, जो कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों की सैलरी से कट कर प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन में जमा होता है। वर्तमान में रिटायरमेंट फंड बॉडी कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के सभी सदस्यों को उनके ईपीएफ खाते में जमा राशि पर 8.55 फीसद की दर से ब्याज दिया जा रहा है। जिस कंपनी में 20 से ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं वहां कंपनी को अपने कर्मचारियों के लिए ईपीएफ की व्यवस्था करनी होती है। इस खाते में जमा राशि पर आशिंक निकासी की भी सुविधा मिलती है जो कि सिर्फ कुछ निश्चित कारणों तक ही सीमित होती है। जैसे कि घर की खरीद और पुराने घर की मरम्मत, लोन की अदायगी एवं खुद की, बेटा-बेटी या फिर भाई की शादी के खर्चे के लिए। इस खाते में जमा 1,50,000 रुपये तक की राशि पर आयकर की धारा 80 C के अंतर्गत कर छूट का लाभ मिलता है।
जीपीएफ: सरकारी कर्मचारियों के लिए जो संचित निधि की व्यवस्था है, उसको जनरल प्रोविडेंट फंड (जीपीएफ) कहा जाता है। इसमें केवल सरकारी कर्मचारियों का योगदान होता है, सरकार का कोई योगदान नहीं होता।