एक छत के नीचे 'प्राइमरी का मास्टर' से जुड़ी शिक्षा विभाग
की समस्त सूचनाएं एक साथ

"BSN" प्राइमरी का मास्टर । Primary Ka Master. Blogger द्वारा संचालित.

जनपदवार खबरें पढ़ें

जनपदवार खबरें महराजगंज लखनऊ इलाहाबाद प्रयागराज गोरखपुर उत्तर प्रदेश फतेहपुर सिद्धार्थनगर गोण्डा बदायूं कुशीनगर सीतापुर बलरामपुर संतकबीरनगर देवरिया बस्ती रायबरेली बाराबंकी फर्रुखाबाद वाराणसी हरदोई उन्नाव सुल्तानपुर पीलीभीत अमेठी अम्बेडकरनगर सोनभद्र बलिया हाथरस सहारनपुर श्रावस्ती बहराइच मुरादाबाद कानपुर अमरोहा जौनपुर लखीमपुर खीरी मथुरा फिरोजाबाद रामपुर गाजीपुर बिजनौर बागपत शाहजहांपुर बांदा प्रतापगढ़ मिर्जापुर जालौन चित्रकूट कासगंज ललितपुर मुजफ्फरनगर अयोध्या चंदौली गाजियाबाद हमीरपुर महोबा झांसी अलीगढ़ गौतमबुद्धनगर संभल हापुड़ पडरौना देवीपाटन फरीदाबाद बुलंदशहर

Search Your City

लखनऊ : यूपी के टीचर ने सरकारी प्राइमरी स्कूल को बना दिया इतना स्मार्ट, की एडमिशन के लिए लगती है होड़

0 comments

यूपी के टीचर ने सरकारी प्राइमरी स्कूल को बना दिया इतना स्मार्ट, की एडमिशन के लिए लगती है होड़





लखनऊ: तमाम अर्थहीन मुद्दों, बहसों, राजनैतिक रस्साकशी, सरकारी पैसा बहाए जाने के बाद बीच आने वाली पीढ़ी और देश के बेहतर भविष्य के लिए सबसे अहम प्राइमरी शिक्षा के प्राइमरी ढांचे का हाल किसी से छिपा नहीं है. अगर कोई थोड़ा भी संपन्न है तो वह सरकारी प्राइमरी स्कूल को अछूत समझ बच्चे निजी स्कूल में ही भेजता है, लेकिन मेरठ के रजपुरा इलाके के सरकारी प्राइमरी विद्यालय की टीचर पुष्पा यादव ने लोगों की इस धारणा को बदल दिया है.


‘सरकारी है’, लेकिन इस स्कूल ने इलाके के प्राइवेट स्कूलों को मात दे दी है. बच्चे जमीन पर नहीं बैठते. फर्नीचर है. टाइल्स लगे हैं. दीवारों पर पेंटिंग है. दिव्यांग बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था है. समर कैंप होता है. यहां तक कि बच्चों के लिए लाइब्रेरी है. हेल्थ कैंप होता है. रोजगार परक ट्रेनिंग भी दी जाती है. ये उत्तर प्रदेश का संभवतः पहला ऐसा स्कूल है, जहां एलईडी के जरिए स्मार्ट क्लासेस होती हैं. असर ये है कि इलाके के लोग अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूल से निकाल इस स्कूल में भेज रहे हैं.

मेरठ के प्राइमरी विद्यालय, रजपुरा का हाल दूसरी जगहों की तरह ही था, लेकिन अब तस्वीर बदल गई है. इसकी वजह बनी हैं यहां की हेड टीचर पुष्पा यादव. वह बताती हैं कि 2013 में जब विद्यालय में हेड टीचर बनकर आईं तब हाल बुरा था. स्कूल के अंदर जानवर बंधे रहते थे. India.com से बात करते हुए पुष्पा बताती हैं कि स्कूल में चार दीवारी तक नहीं थी. दूर से देखने पर झाड़ी से ढका जर्जर भवन दिखाई देता था. उन्होंने इस स्कूल को बदलने का ठान लिया. विभाग से अनुरोध कर सबसे पहले चारदीवारी बनवाई. इसके बाद की कोशिशें खुद ही कीं.

पुष्पा बताती हैं कि गांव में कई दिव्यांग बच्चे थे जो स्कूल नहीं जा पाते थे. उन्होंने व्हील चेयर की व्यवस्था कराई. दिव्यांग बच्चों को फिजियोथेरेपी के जरिए ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है. स्कूल में 155 एडमिशन हैं. उपस्थिति शत-प्रतिशत रहती है.

पुष्पा यादव अब मिसाल बनी चुकी हैं. उन्हें 2017 में यूपी की बीजेपी सरकार द्वारा सम्मानित किया जा चुका है. जिला प्रशासन द्वारा सम्मान बेस्ट टीचर अवार्ड, समाज कल्याण ट्रस्ट द्वारा बेसिक शिक्षा रत्न अवार्ड सहित कई अवार्ड दिए जा चुके हैं. यहां विजिट करने पहुंचे जेएनयू, दिल्ली में रिसर्च स्टूडेंट दिलीप यादव कहते हैं कि ऐसी कोशिशें हर जगह हों तो समाज की दिशा ही बदल जाएगी.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

महत्वपूर्ण सूचना...


बेसिक शिक्षा परिषद के शासनादेश, सूचनाएँ, आदेश निर्देश तथा सभी समाचार एक साथ एक जगह...
सादर नमस्कार साथियों, सभी पाठकगण ध्यान दें इस ब्लॉग साईट पर मौजूद समस्त सामग्री Google Search, सोशल नेटवर्किंग साइट्स (व्हा्ट्सऐप, टेलीग्राम एवं फेसबुक) से भी लिया गया है। किसी भी खबर की पुष्टि के लिए आप स्वयं अपने मत का उपयोग करते हुए खबर की पुष्टि करें, उसकी पुरी जिम्मेदारी आपकी होगी। इस ब्लाग पर सम्बन्धित सामग्री की किसी भी ख़बर एवं जानकारी के तथ्य में किसी भी तरह की गड़बड़ी एवं समस्या पाए जाने पर ब्लाग एडमिन /लेखक कहीं से भी दोषी अथवा जिम्मेदार नहीं होंगे, सादर धन्यवाद।