रायबरेली : चार माह से शिक्षामित्रों को नहीं मिला मानदेय
रायबरेली : न्यायालय ने शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त कर दिया। इसके बाद बाद प्रदेश सरकार ने उनका मानदेय 10 हजार कर दिया। वह भी समय से नहीं मिल पा रहा है। बीते सितंबर से अब तक उन्हें मानदेय नहीं मिला। इससे उन्हें आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में अब उन्हें परिवार चलाने की ¨चता सता रही है।
विकासखंड क्षेत्र में 111 शिक्षा मित्र तैनात हैं। ग्रामीणों की मानें तो शिक्षा व्यवस्था उन्हीं पर टिकी हुई है। वहीं समय पर उनका पारिश्रमिक न मिलने से उन्हें परिवार चलाने में समस्याएं आ रही है। यही नहीं नारायणपुर प्राथमिक विद्यालय में तैनात शिक्षामित्र रामकृपाल को मानदेय के लिए बीएसए कार्यालय के सामने धरने पर बैठना पड़ा। अधिकारियों के आश्वासन के बाद उन्होंने अपना आमरण अनशन खत्म किया था। बावजूद इसके विभागीय अधिकारी शिक्षामित्रों के मानदेय को लेकर सुस्त हैं। ऐसे में शिक्षा व्यवस्था को बल दे रहे शिक्षामित्र निराश हो चुके हैं।
कुबना में तैनात शिक्षा मित्र जगजीवन ने बताया कि सितंबर माह से शिक्षामित्रों का मानदेय नहीं आया है। उनका परिवार उसी नौकरी के सहारे निर्भर है। हसनपुर में तैनात शिक्षा मित्र आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि मानदेय न मिलने से आए दिन समस्याएं बनी रहती है। विद्यालयों में शिक्षकों के बराबर काम कर रहे हैं। इसके बाद भी उपेक्षा हो रही है। ¨प्रसी ने बताया कि सरकार लगातार शिक्षामित्रों के साथ वादाखिलाफी कर रही है। खंड शिक्षा अधिकारी लालमणि राम कनौजिया ने बताया कि उनके कार्यालय से प्रत्येक माह का वेतन बिल भेजा जा रहा है। सितंबर से शिक्षा मित्रों को मानदेय नहीं मिला है। उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर उनकी समस्याओं के निराकरण कराने का प्रयास किया जा रहा है।