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औरैया : विद्यालय में बीएसए को मिले दो शिक्षक व दो बच्चे

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विद्यालय में बीएसए को मिले दो शिक्षक व दो बच्चे

जागरण संवाददाता, औरैया: ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी प्राथमिक विद्यालयों की हालत बेहद दयनीय है। यही रहा तो इन्हें बंद करने की भी नौबत आ सकती है। कुछ जगहों पर तो विद्यालयों में बच्चों की नामांकन संख्या के सापेक्ष उपस्थिति दहाई तक नहीं पहुंच रही है। इस बात की जानकारी होने पर मंगलवार को बीएसए ने सहार ब्लाक के एक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। यहां विद्यालय में दो अध्यापकों के साथ केवल दो बच्चे ही मौजूद मिले। जिसे देखकर उनका पारा चढ़ गया। उन्होंने शिक्षकों को प्रतिकूल प्रविष्टि देकर एक माह का समय दिया है।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी एसपी ¨सह ने मंगलवार को सहार ब्लाक के अमरपुर गांव स्थित परिषदीय प्राथमिक विद्यालय का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान विद्यालय में प्रधानाध्यापक धर्मेंद्र ¨सह व सहायक अध्यापक पूजा तोमर उपस्थित मिलीं। विद्यालय में कुल 14 बच्चों का नामांकन है। जिसमें से केवल दो ही मौके पर मिले। जिसे देख वह गुस्साए और उन्होंने सभी दस्तावेजों की गहनता से जांच पड़ताल की। उपस्थिति रजिस्टर देखने पर पता चला कि पिछले कई दिनों से विद्यालय में बच्चों की संख्या कम है। जिस पर प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।

तीन जनवरी को देंगे रिपोर्ट

बीएसए ने तीन जनवरी को विद्यालय में बच्चों की उपस्थिति की सुधार रिपोर्ट मांगी है। जिसकी जांच कराए जाने की भी बात कही गई है। एक माह में विद्यालय में बच्चों की संख्या में वृद्धि न होने पर सख्त कार्रवाई किए जाने का अल्टीमेटम दिया है। मौजूद दोनों बच्चों से पूछे सवाल

निरीक्षण के दौरान विद्यालय में मौजूद दोनों बच्चों से बीएसए ने शैक्षिक गुणवत्ता की जांच करने के लिए सवाल पूछे। बच्चों द्वारा सवाल का सही जवाब देने पर मौजूद अध्यापकों ने कुछ राहत की सांस ली।

आंगनबाड़ी केंद्र का भी किया निरीक्षण

विद्यालय परिसर में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र का भी बीएसए ने निरीक्षण किया। यहां पर उन्हें बच्चों की संख्या संतोषजनक मिली। उन्होंने यहां पर बच्चों को खिलाए जाने वाले पौष्टिक आहार की भी जांच की। एक लाख खर्च, पढ़ रहे दो बच्चे

विद्यालय में तैनात दोनों शिक्षकों का वेतन औसतन एक लाख के करीब ही होगा। जबकि विद्यालय में बच्चों की संख्या केवल दो ही मिली। जिससे खुद ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी धन का किस तरह से इस्तेमाल हो रहा है और उससे कितने का भविष्य संवर रहा है।

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