स्वीकृति के बाद भी नहीं खुला केंद्रीय विद्यालय
जागरण संवाददाता, बांदा : शासन ने बच्चों की बेहतर शिक्षा के लिए केंद्रीय विद्यालय खोलने की कवायद दो साल पहले शुरू की थी। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालय में पहले किराए पर पशु महाविद्यालय का भवन लेने की बात तय हुई। फिर विश्वविद्यालय ने दस एकड़ जमीन चिह्नित करा दी। लेकिन शिक्षा विभाग के अधिकारियों की सुस्ती से अब तक नहीं खुल सका।
केंद्रीय विद्यालय के संचालन के लिए कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में नवनिर्मित पशु चिकित्सालय विज्ञान महाविद्यालय में लीज की प्रक्रिया शुरू की गई। लेकिन 30 मई को कुलपति डा.एसएल गोस्वामी, कुलसचिव डा.एनके वाजपेयी, प्रभारी डीआईओएस बीना गुप्ता, केंद्रीय विद्यालय (सीआरपीएस) इलाहाबाद के प्रधानाचार्य संजय कुमार, कनिष्ठ सचिवालय सहायक मंयक दुबे की बैठक हुई थी। इसमें केंद्रीय विद्यालय संगठन क्षेत्रीय कार्यालय वाराणसी के पत्र को लेकर मंथन हुआ। कृषि विश्वविद्यालय द्वारा अवगत कराया गया था कि पशु चिकित्सा महाविद्यालय के भवन में केंद्रीय विद्यालय का संचालन किया जाना संभव नहीं है। इसमें पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए राज्य सरकार निरंतर समीक्षा कर रही है। महाविद्यालय के लिए शासन से पद सृजित किए जा चुके हैं। महाविद्यालय में वर्ष 2018-19 में नया सत्र शुरू किया जाना है। समिति ने इस भवन के बजाए कृषि विश्वविद्यालय परिसर में केंद्रीय विद्यालय के निर्माण के लिए मास्टर प्लान में भूमि चिन्हांकित है। यहां पर भवन का निर्माण कर केंद्रीय विद्यालय संचालित किया जा सकता है। लेकिन छह माह बाद भी जिम्मेदारों ने इस पर ध्यान नहीं दिया। कृषि विश्वविद्यालय के डा.वीके गुप्ता ने कुलपति डा.यूएस गौतम के हवाले से बताया कि केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन चिह्नित की हुई पड़ी है। लेकिन महीनों से कोई झांकने नहीं आया। उधर, डीआइओएस हिफजुर्हमान ने बताया कि उच्चाधिकारियों के स्तर पर जो आदेश आएंगे उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।