फील्ड में सक्रिय किए जाएंगे एनपीआरसी
जागरण संवाददाता, गोरखपुर : आमतौर पर कागजी कार्यो में उलङो रहने वाले एनपीआरसी (न्याय पंचायत रिसोर्स कोआर्डिनेटर) को अब फील्ड में सक्रिय रहना होगा। अपने क्षेत्र के प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों का समय-समय पर निरीक्षण कर वहां की स्थिति के बारे में बीएसए को रिपोर्ट करनी होगी।
लंबे समय से एनपीआरसी स्तर से नहीं प्राप्त हो रही थी सूचना
एनपीआरसी सबसे निचले स्तर पर विद्यालयों पर नजर रखने की जिम्मेदारी निभाते हैं। ये खंड शिक्षा अधिकारी व विद्यालय के बीच की कड़ी होते हैं। एक ब्लॉक में आधा दर्जन से अधिक एनपीआरसी होते हैं और करीब दर्जन भर विद्यालयों पर उन्हें नजर रखनी होती है। उच्च प्राथमिक विद्यालय के वरिष्ठतम प्रधानाध्यापक को आमतौर पर यह जिम्मेदारी दी जाती है। हाल के दिनों में जिला स्तरीय अधिकारियों की ओर से की गई जांच में कई विद्यालय बंद मिले और कई विद्यालयों में शिक्षकों की अनुपस्थिति मिली, लेकिन सूचनाएं एनपीआरसी के स्तर से खंड शिक्षा अधिकारियों या बीएसए को नहीं प्राप्त हो सकी थीं।
बीएसए ने बैठक कर दी सक्रिय रहने की हिदायत : सूचनाएं न आने पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सीधे एनपीआरसी के साथ बैठक की। काफी दिनों बाद बीएसए स्तर पर इस तरह की बैठक आयोजित की गई थी।
बैठक में उन्हें उनके कर्तव्यों से अवगत कराया गया और फील्ड में सक्रियता बढ़ाने पर जोर दिया गया। बीएसए ने निर्देश दिया कि एनपीआरसी विद्यालयों में पढ़ाई के स्तर पर नजर रखें और किसी प्रकार की गड़बड़ी पर खंड शिक्षा अधिकारी या बीएसए को सूचना दें।
सह समन्वयक की तैनाती न होने पर बढ़ाई जा रही सक्रियता : एनपीआरसी की सक्रियता बढ़ाने के पीछे ब्लॉक स्तर पर नियुक्त होने वाले सह समन्वयकों (एबीआरसी) की तैनाती न होने को भी प्रमुख कारण माना जा रहा है। एबीआरसी के सक्रिय रहने के कारण विद्यालयों की निगरानी हो जाती थी और इस स्थिति में एनपीआरसी की निष्क्रियता का भी अधिक प्रभाव नहीं पड़ता था।
’ विद्यालयों की स्थिति के बारे में बीएसए को देनी होगी रिपोर्ट
मुख्यालय पर बैठक कर दी गई हिदायतजिले के एनपीआरसी के साथ बैठक की गई है। बैठक में उन्हें निर्देश दिए गए हैं कि कागजी काम के साथ वे फील्ड में भी सक्रिय रहते हुए विद्यालयों के संचालन पर ध्यान दें।
- भूपेंद्र नारायण सिंह, बीएसए, गोरखपुर