सिद्धार्थनगर : तरक्की की राह पर जनपद की शिक्षा व्यवस्था
सिद्धार्थनगर : जनपद की शिक्षा व्यवस्था तरक्की की राह पर है। बदहाल हो चुकी व्यवस्था में आमूल चूल बदलाव हुआ है। इस वर्ष आठ इंटर कालेज में स्मार्ट क्लास की शुरूआत हुई। 306 प्राथमिक हाईस्कूल को माडल स्कूल में बदल दिया गया है। जिन विद्यालयों में बच्चों को पढ़ाई के दौरान बैठने के लिए बेंच तक नहीं थी, वहां आज बच्चों को बेंच, मेज, बिजली, पंखे के साथ बेहतर माहौल भी मिला है। प्राथमिक विद्यालय में 1052 नए शिक्षकों की तैनाती भी हुई। 10 शिक्षक इंटर कालेजों को भी मिले। केंद्रीय विद्यालय के निर्माण में तेजी आई है। कुल मिलाकर जिले में शिक्षा व्यवस्था नई राह पर चल पड़ी है।
कई सालों से शिक्षा व्यवस्था की हालत बेहद खराब थी। इसे सुधारने के लिए किए गए तमाम प्रयास सफल होते नहीं दिख रहे थे। डीएम कुणाल सिल्कू के प्रयास से इस वर्ष शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह बदली नजर आने लगी है। इसे मुकाम देने में ग्राम पंचायतों ने भी भरपूर योगदान दिया। जनपद के 1199 विद्यालयों में 512 स्कूलों को माडल बनाने के लिए चयनित किया गया। 306 विद्यालय माडल विद्यालय में तब्दील हो चुके हैं।इनमें वर्तमान समय में 124 पर कार्य चल रहा है। शेष पर जल्द ही कार्य शुरू होना है। चिह्नित विद्यालय ऐसे थे जहां अभिभावक बच्चों को पढ़ाई के लिए स्कूल भेजने से कतराते थे। आज उन विद्यालयों में बच्चों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इसका नतीजा यह रहा कि जनपद ने छात्र नामांकन में प्रदेश में तीसरा स्थान हासिल कर लिया। इटवा तहसील क्षेत्र का हसुड़ी औसानपुर का प्राथमिक विद्यालय वहां के ग्राम प्रधान दिलीप त्रिपाठी के प्रयास से सबसे पहले माडल के रूप में विकसित हुआ। इस तर्ज पर जिले ही नहीं प्रदेश के अन्य जनपदों में भी विद्यालयों को विकसित किया जाने लगा। आज इस स्कूल में सरकारी कर्मचारियों के बच्चे भी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। जिन विद्यालयों को माडल बनाया गया वहां पर कक्षाओं में विट्रीफाइड टाइल्स लगाया गया। कक्षाओं में प्लास्टिक पेंट से वाल पें¨टग कराई गई। लर्निग टूल्स (वाल पेंटिंग के माध्यम से) स्मार्ट क्लास के लिए नेट कनेक्शन के साथ टेलीविजन का इंतजाम, बाउंड्रीवाल निर्माण,सुसज्जित गेट, बालक-बालिकाओं के लिए अलग-अलग शौचालय, हैंडवाश, शुद्ध पेयजल के अलावा कक्षाओं में फर्नीचर का इंतजाम किया गया है। जनपद में इस वर्ष बर्डपुर, खजौंहा और करुआ में राजकीय इंटर कालेज की स्थापना का कार्य चल रहा है। इसके अलावा दो विद्यालयों को उच्चीकृत करके हाईस्कूल बनाया गया। मड़िला एवं धोबहां में राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय का निर्माण कराया जा चुका है। जनपद मुख्यालय पर केंद्रीय विद्यालय के निर्माण के लिए शासन ने वर्ष 2016 में भवन निर्माण के लिए धन का आवंटन किया था। इस साल भवन के निर्माण में तेजी आई है। अब तक बाउंड्रीवाल व अन्य कार्य तेजी से चल रहा है। उम्मीद है कि अगले साल तक इस भवन में पढ़ाई कार्य शुरू हो जाएगा। हालांकि वर्तमान में केंद्रीय विद्यालय के बच्चों की पढ़ाई जीआइसी में हो रही है।